नई दिल्ली । प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट, 1991 की वैधता से जुड़े मामले में नई याचिकाएं दाखिल किए जाने पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है। संजीव खन्ना ने कहा, 'याचिकाएं दायर करने की एक सीमा होती है। पिछली सुनवाई में कई हस्तक्षेप आवेदनों को अनुमति दी गई थी, लेकिन अब नहीं बहुत सारे आईए (अंतरिम आवेदन) दायर किए गए है। ऐसे में सुनवाई करना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि मार्च में एक तारीख दी जा सकती है।
दरअसल एक वादी की ओर से पेश हुईं सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने दिन में सुनवाई के लिए एक नई याचिका का जिक्र किया, इस पर सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा कि, 'शायद इस पर हम सुनवाई नहीं कर पाएं। उन्होंने कहा कि केंद्र की ओर से अब तक जवाब दाखिल नहीं किया गया और नई याचिकाएं आ रही हैं। अधिवक्ता विकास सिंह और निजाम पाशा की आपत्तियों पर कोर्ट ने कहा कि लंबित याचिकाओं पर पहले से नोटिस दिया जा चुका है और केंद्र के जवाब का इंतजार है।
इस पर दोनों वकीलों ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए थे कि आठ तारीखें बीत चुकी हैं और केंद्र की तरफ से कोई काउंटर दाखिल नहीं किया गया है। कोर्ट ने भी वकीलों सवाल पर सहमति जताई और कहा, 'हां अब तक काउंटर फाइल नहीं हुआ है और नई आपत्तियों के साथ नई-नई याचिकाएं आ रही हैं।
जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि पिछली बार कई हस्तक्षेप आवेदनों को अनुमति दी गई थी। इस दौरान सीनियर एडवोकेट दुष्यंत ने कहा कि हां, अब और नई याचिकाओं को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। सीजेआई ने यह भी कहा कि एक्ट को चुनौती देने वाली वो याचिकाएं खारिज की जाती हैं, जिनमें अभी तक कोई नोटिस जारी नहीं किया गया है। ये याचिकाकर्चा मौजूदा याचिकाओं में आवेदन कर सकते हैं। हालांकि, ये आवेदन नए आधार पर हों।