सीआरपीएफ के एडीजी ने कहा फोर्स में मंजूरी देना संभव नहीं



नई दिल्ली। आईटीबीपी में कार्यरत एक महिला कार्मिक ने लिंग परिवर्तन कराने की अनुमति देने का अनुरोध किया था। इस मामले में सेंट्रल सिविल सर्विसेज नियमावली एवं आईटीबीपी बल अधिनियम व नियम (जो कि बल कर्मियों पर लागू होते हैं) में लिंग परिवर्तन किए जाने के संबंध में कोई भी नियम विद्यमान न होने के कारण, इस मामले को केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास भेज दिया गया। वहां से इस केस पर राय मांगी गई है। चूंकि इस तरह का मामला, पहले कभी नहीं देखा गया, ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भी इस पर अपनी त्वरित टिप्पणी दी। फाइनल तौर से गेंद, अपर महानिदेशक (चिकित्सा) सीएपीएफ के पाले में डाल दी गई। वहाँ से जवाब आया कि फोर्स में विभिन्न परिस्थितियों के चलते लिंग परिवर्तन को मंजूरी नहीं दी जा सकती। 



 गृह मंत्रालय की तरफ से कहा गया, इस मामले पर परीक्षण गृह मंत्रालय के कार्मिक एवं नीति अनुभाग के साथ किया गया है। गृह मंत्रालय में लिंग परिवर्तन संबंधी नीति या दिशा निर्देश उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में आईटीबीपी, अपर महानिदेशक (चिकित्सा) की सलाह और उपलब्ध दिशा निर्देशों के आधार पर प्रशासनिक निर्णय अपने स्तर पर ले सकता है। केंद्रीय गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा दी गई राय के अनुपालन में प्रकरण पर राय/दिशा निर्देशों के लिए अपर महानिदेशक (चिकित्सा), सीएपीएफ को अग्रेषित कर दिया गया। 


अपर महानिदेशक (चिकित्सा), सीएपीएफ ने इस मामले में जो कुछ कहा है, उसके अनुसार, सामान्य राय यह है कि लिंग परिवर्तन का आवेदन, स्वीकार नहीं किया जा सकता। इसे फोर्स में मंजूरी देना संभव नहीं है। वजह, इससे फोर्स पर्सनल के मनोवैज्ञानिक एवं व्यावहारिक स्तर पर बुरा असर पड़ेगा। फोर्स में आने के लिए महिला एवं पुरुषों के लिए अलग नियम हैं। भर्ती के मापदंड भी एक समान नहीं हैं। ऐसे में अगर कोई लिंग परिवर्तन कराता है तो ये मापदंड पूरे नहीं हो सकेंगे। इन परिस्थितियों में लिंग परिवर्तन को मंजूरी नहीं दी जा सकती। 


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