भारत में मंकीपॉक्स की एंट्री! जानिए कितना है खतरा



  • -पिछले दो वर्षों में यह दूसरी बार है कि डब्ल्यूएच
  • ओ ने मंकीपॉक्स को विश्व स्वास्थ्य सार्वजनिक आपातकाल घोषित किया


नई दिल्ली। विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा मंकीपॉक्स को विश्व स्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया गया है। पिछले दो वर्षों में यह दूसरी बार है कि डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स को विश्व स्वास्थ्य सार्वजनिक आपातकाल घोषित किया है। डब्ल्यूएचओ ने कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में वायरल संक्रमण में वृद्धि के कारण यह घोषणा की। एमपॉक्स वायरस अब कांगो के पड़ोसी देशों में फैल गया है। एमपॉक्स एक संक्रमण है जिसे मंकीपॉक्स के नाम से जाना जाता है।


दो साल पहले जब डब्ल्यूएचओ ने मंकीपॉक्स को विश्वस्वास्थ्य आपातकाल घोषित किया, तो यह बीमारी दुनिया भर में फैलने लगी। इस बीमारी का असर उन लोगों पर सबसे ज्यादा देखने को मिला जो किसी यौन संचारित रोग से पीडि़त थे। डब्ल्यूएचओ ने लोगों को बीमारी से बचाव के लिए शिक्षित करना शुरू किया। वर्तमान में, कांगो में मंकीपॉक्स का प्रचलन सबसे अधिक है। अफ्रीका में यह बीमारी भयावह रूप लेती जा रही है।


लोगों को संक्रमण से बचाने के लिए अभियान चलाया जा रहा है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है। कांगो में 2023 में अब तक 27 हजार मामले सामने आ चुके हैं। वहीं 1100 मरीजों की मौत हो गई। एमपॉक्स से संक्रमित अधिकांश लोग छोटे बच्चे हैं। गर्भवती महिलाएं और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग एमपीओएक्स से सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।


एमपॉक्स के दो स्ट्रेन कांगो में तेजी से फैल रहे हैं। देश ऐसी पृथक यात्रा से जुड़े मुद्दों का सामना करने के लिए पूरी तरह से तैयार है और संभावित जोखिमों को रोकने और कम करने के लिए सख्त कदम उठाए गए हैं। केंद्र सरकार ने सभी राज्यों के लिए जरूरी दिशानिर्देश जारी किए हैं। 


साथ ही राज्यों को कोरोना वायरस की चुनौती के दौरान सतर्क रहने को कहा गया है। हाल ही में स्वास्थ्य मंत्रालय की एक बैठक में पता चला कि मंकीपॉक्स की संक्रामक अवधि आमतौर पर दो से चार सप्ताह होती है। यह वायरस किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ लंबे समय तक निकट संपर्क से फैल सकता है।

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