नीट रिजल्ट की सीबीआई जांच और दोबारा परीक्षा कराने की उठ रही मांग, जानिए क्या है पूरा मामला



 नई दिल्ली । देश के सबसे बड़े मेडिकल एंट्रेंस एग्जाम, नीट 2024 में कथित अनियमितताओं की जांच के लिए आईएमए जूनियर डॉक्टर्स नेटवर्क ने सीबीआई जांच की मांग की है और सभी छात्रों के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी मूल्यांकन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए  पुन: परीक्षा का भी अनुरोध किया।  उन्होंने कहा सभी छात्रों के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी मूल्यांकन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए पुन: परीक्षा का भी अनुरोध किया गया है।

पत्र में कहा गया है  कि कुछ छात्रों ने 718 और 719 अंक हासिल किए हैं, जो सांख्यिकीय रूप से संदिग्ध है। 

पत्र में लिखा है,  इन छात्रों को दिए गए ग्रेस मार्क्स के लिए कोई परिभाषित तर्क नहीं है। छात्रों को दिए गए ग्रेस माक्र्स के अनुसार कोई सूची साझा नहीं की गई है। इसके अलावा, डॉक्टर्स के संगठन ने यह भी आरोप लगाया कि नीट 2024 का पेपर कई जगहों पर लीक हुआ था लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई।

पत्र में ये भी कहा गया, "छात्रों को उनके ओएमआर की तुलना में उनके स्कोरकार्ड पर अलग-अलग अंक प्राप्त हुए। इसके अलावा,  कुल 67 छात्रों ने 720 में से पूर्ण 720 अंक प्राप्त किए, जो अत्यधिक संदिग्ध है। यह कभी नहीं हुआ। आमतौर पर, केवल तीन से चार छात्र ही ऐसे अंक प्राप्त करते हैं। 

आगे कहा, हम नीट 2024 में उपरोक्त अनियमितताओं की सीबीआई जांच की मांग करते हैं। हम सभी छात्रों के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी मूल्यांकन प्रक्रिया सुनिश्चित करने के लिए पुन: परीक्षा का भी अनुरोध करते हैं। भारत की शिक्षा प्रणाली का भविष्य ऐसी महत्वपूर्ण परीक्षाओं की सत्यनिष्ठा और निष्पक्षता पर निर्भर करता है। हमें विश्वास है कि आप हमारी दलील पर गंभीरता से विचार करेंगे। 

नीट रिजल्ट विवाद मामले पर आगे आई सरकार, प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी जा रही सफाई

     नीट यूजी परीक्षा का रिज्लट घोषित होने के बाद से ही एनटीए विवादों के घेरे में आ गया है। देशभर से रिजल्ट में गड़बड़ी के आरोप लग रहे हैं, जिसको लेकर आज प्रेस कॉन्फेंस का आयोजन किया गया। इस प्रेस वार्ता का आयोजन नेशनल मेडिकल कमीशन नई दिल्ली कार्यालय में किया जा रहा है। 

जांच के लिए बनाई है कमेटी

प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि गड़बड़ी का जो मामला बताया जा रहा है, वो सिर्फ 6 सेंटर्स और 1600 उम्मीदवारों तक सीमित है। हमने एक्सपर्ट कमेटी बनाकर समीक्षा की थी। फिर से एक नई अपर लेवल कमेटी बनाई गई है, जो पहले की कमेटी (ग्रीवांस रीड्रेसल कमेटी) की रिपोर्ट की समीक्षा करेगी। 

प्रेस वार्ता में कहा गया है कि यूपीएससी के पूर्व अध्यक्ष और अन्य शिक्षाविदों को मिलाकर कमेटी बनाई गई है, जो नीट के मामले की जांच करेगी। समिति एक हफ्ते के अंदर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। उसके बाद फैसला लिया जाएगा। 

ग्रेस माक्र्स से पास हुए सिर्फ 50 प्रतिशत उम्मीदवार

शिक्षा सचिव ने कहा कि 1563 उम्मीदवारों को नीट में ग्रेस मार्क्स मिले। इनमें से 790 उम्मीदवार ग्रेस मार्क्स से क्वालिफाई हुए हैं। बाकी सभी के मार्क्स या तो निगेटिव में ही रहे या वो पास नहीं हो सके। ओवरऑल पर कोई फर्क नहीं पड़ा है। ग्रेस मार्क्स अलग-अलग होता है। आंसरिंग एफिशिएंसी वगैरह के आधार पर। 

एक सेंटर से 6 टॉपर कैसे?

एक सेंटर से 6 टॉपर वाले सवाल का जवाब देते हुए एजुकेशन सेक्रेटरी ने कहा, उस सेंटर का एवरेज मार्क्स 235 था। यानी वहां इतने कैपेबल छात्र थे, जो हाई स्कोर कर सकते थे, इसीलिए बिना ग्रेस मार्क्स भी उनका एवरेज मार्क्स ज्यादा था। लेकिन जिन सेंटर्स पर गड़बड़ी हुई है, उनपर एक्शन लिया जाएगा।

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