कोलकाता/नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी जिले में सोमवार को न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन के समीप एक मालगाड़ी ने कंचनजंघा एक्सप्रेस को पीछे से टक्कर मार दी जिससे 15 लोगों की मौत हो गयी 200 से अधिक लोग घायल हो गये। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक यह दुर्घटना रेलवे अधिकारियों की ओर से सिग्नल की अनदेखी के कारण हुई। मृतकों में तीन रेलवे कर्मचारी हैं जिनकी कंचनजंगा एक्सप्रेस के गार्ड आशीष डे, मालगाड़ी के लोको पायलट अनिल कुमार और मालगाड़ी के एएलपी मुन्ना कुमार के रूप में हुई है। अन्य म़ृतकों की अभी पहचान नहीं की जा सकी है।
रेलवे बोर्ड अध्यक्ष एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) जया वर्मा सिन्हा ने भी ट्रेन हादसे में आठ लोगों के मरने की पुष्टि की है। सुश्री सिन्हा ने कहा, "दुर्घटना के कारण एक्सप्रेस ट्रेन के पिछले हिस्से के चार डिब्बे और कंटेनर ट्रेन के पांच डिब्बे पटरी से उतर गये। प्रथम दृष्टया मानवीय भूल इसकी वजह मानी जा रही है। शुरुआती संकेत से पता चलता है कि यह सिग्नल की अनदेखी का मामला है। पश्चिम बंगाल के लिए योजना के अनुसार कवच प्रणाली को आगे बढ़ाया जाना चाहिए।
सुबह करीब 8.30 बजे हुई दुर्घटना
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दुर्घटना सुबह करीब 8.30 बजे उस समय हुई जब अगरतला से सियालदह जा रही कंचनजंघा एक्सप्रेस न्यू जलपाईगुड़ी स्टेशन पर रूकने के बाद गंतव्य के लिए रवाना हुई थी। इसी दौरान रंगापानी स्टेशन के पास उसी लाइन पर एक मालगाड़ी ने पीछे से एक्सप्रेस ट्रेन को टक्कर मार दी। टक्कर से ट्रेन की तीन डिब्बे पटरी से उतर गयी और मालगाड़ी के इंजन के ऊपर फंस गयी।
हादसे के बाद स्टेशनों पर कई ट्रेनें फंसी
कटिहार मंडल रेल प्रबंधक सुरेंद्र कुमार ने बताया कि दुर्घटना के बाद बारसोई-जलपाईगुड़ी रेल खंड पर गुवाहाटी, अगरतला और पूर्वोत्तर की कई ट्रेनें विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर फंसी हुई हैं। डिब्रूगढ़ नयी दिल्ली राजधानी एक्सप्रेस, हावड़ा न्यू जलपाईगुड़ी वंदे भारत एक्सप्रेस समेत नौ ट्रेनों को न्यू जलपाईगुड़ी-सिलीगुड़ी-बागडोगरा-अलुआबाड़ी रेल खंड पर डायवर्ट किया गया है। वहीं राधिकापुर-सिलीगुड़ी इंटरसिटी एक्सप्रेस सहित दो ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं।