हमने बिजली बिल हाफ किया और इन्होंने बिजली ही हाफ कर दी: पूर्व सीएम बघेल



रायपुर । छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बिजली कटौती को लेकर भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा है। कांग्रेस बिजली की समस्याओं को लेकर लगातार भाजपा को घेरने का प्रयास कर रही है। इस मामले को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया एक्स पर बीजेपी पर जमकर बरसे हैं। साथ ही लोगों को भीषण गर्मी से बचने की सलाह दी है।  पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि हमने बिजली बिल हाफ किया और इन्होंने बिजली हाफ कर दी। 


एक तरफ सांय-सांय बिजली का बिल बढ़ाने की तैयारी चल रही है, तो दूसरी तरफ इस भयानक गर्मी में प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में जमकर बिजली की कटौती की जा रही है। प्रदेश की जनता बेहद परेशान है, लेकिन गारंटी लेने वाले अभी सत्ता की मदहोशी में सो रहे हैं।  उन्होंने आगे लिखा कि आप सबसे कहना है कि तापमान बहुत अधिक है। गर्मी और लू से हम सबको अपना, अपने बच्चों का और घर के बुजुर्गों का ख़्याल रखना है। दिन में बच्चों को धूप में न खेलने दें। बुजुर्गों को बाहर जाने से रोकें। बहुत आवश्यक कार्य न हो तो आप भी घर से न निकलें। ओआरएस, नींबू शिकंजी, ग्लूकोज और आम पना इत्यादि ठंडी चीजें पीते रहें।   

झटका.. घरेलू और गैर घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरों में वृद्धि

भीषण गर्मी के बीच छत्तीसगढ़ में बिजली उपभोक्ताओं को झटका लगा है। सभी उपभोक्ता श्रेणियों में औसत 8.35 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। औसत विद्युत बिलिंग दर 6.92 रुपए अनुमानित है, जो कि वर्तमान प्रचलित दर से औसत 53 पैसे अधिक है।  राज्य विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष हेमंत वर्मा और सदस्य प्रमोद कुमार गुप्ता ने प्रेस कान्फेंस में विद्युत दरों में हुई बढ़ोतरी की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि राज्य की विद्युत कंपनियों के विगत वर्षों के राजस्व घाटा तथा राजस्व आधिक्य पर विचार करने के बाद वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत वितरण कंपनी द्वारा मांग की गई वार्षिक राजस्व आवश्यकता 26037 करोड़ रुपए के स्थान पर 24594 करोड़ रुपए मान्य किया गया है।

 इसी तरह से वितरण कंपनी ने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए अनुमानित 33875 मिलियन यूनिट के स्थान पर 34091 मिलियन यूनिट मान्य किया गया है। इसी तरह वितरण कंपनी द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए विद्युत की अनुमानित बिक्री पर प्रचलित टैरिफ से अनुमानित 4420 करोड़ रुपए राजस्व घाटे के स्थान पर 2819 करोड़ रुपए को मान्य किया गया है। राज्य शासन ने वितरण कंपनी के सकल राजस्व घाटा को कम करने के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 1000 करोड़ रुपए की प्रतिपूर्ति राज्य शासन द्वारा करने का निर्णय लिया गया है।

 फलस्वरूप वितरण कंपनी को वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रचलित दरों से 1819 करोड़ रुपए का राजस्व घाटा अनुमानित है। राज्य वितरण कंपनी द्वारा दायर याचिका के विश्लेषण से राजस्व घाटे की प्रतिपूर्ति के लिए औसत 20.45 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित थी, परंतु राज्य शासन द्वारा की गई राजस्व घाटे की आंशिक प्रतिपूर्ति तथा आयोग द्वारा विचारोपरान्त सभी उपभोक्ता श्रेणियों में औसत 8.35 प्रतिशत वृद्धि अनुमोदित की गई है।

ऐसे है औसत विद्युत प्रदाय दर एवं औसत विद्युत बिलिंग दर

वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए औसत विद्युत प्रदाय दर 6.92 प्रति यूनिट रुपए अनुमानित की गई है। आयोग द्वारा वर्तमान टैरिफ आदेश में लिए गए निर्णयों एवं राज्य शासन द्वारा वितरण कंपनी के घाटे की प्रतिपूर्ति के फलस्वरूप औसत विद्युत बिलिंग दर 6.92 पैसे रुपए अनुमानित है, जो कि वर्तमान प्रचलित दर से औसत 53 पैसे अधिक है। तदनुसार वर्तमान प्रचलित दर से विद्युत दरों में औसत 8.35 प्रतिशत की वृद्धि अनुमोदित की गई है।

 ये है नए आदेश के मुख्य बिन्दु

  • घरेलू एवं गैर घरेलू उपभोक्ताओं के विद्युत दरों में 20 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है।
  • कृषि पम्पों के लिए विद्युत की दरों में 25 पैसे प्रति यूनिट की वृद्धि की गई है।
  • मांग एवं उपलब्ध विद्युत उत्पादन के विश्लेषण उपरान्त की संरचना में परिवर्तन किया गया है।
  • पर्यावरण संरक्षण एवं कार्बन फुटप्रिन्ट घटाने के लिए अक्षय ऊर्जा क्रय करने के लिए इच्छुक उपभोक्ताओं की सुविधा के लिए ग्रीन एनर्जी चार्ज का निर्धारण किया गया है।
  • रेलवे के टैक्शन लोड के लिए लागू 20 प्रतिशत की लोड फैक्टर रिबेट को समाप्त कर दिया गया है।
  • एचवी-5 एवं एलवी-5 श्रेणी के अन्तर्गत आने वाले पोहा एवं मुरमुरा मिल को ऊर्जा प्रभार में 5 प्रतिशत की छूट को जारी रखा गया है।
  • जारी की जा रही नई विद्युत दरें जो कि संलग्नक-1 और संलग्नक-2 में उपलब्ध हैं, 1 जून, 2024 से प्रभावशील होंगी।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने

Recent in Sports