जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराने की प्रक्रिया हुई तेज



श्रीनगर। चुनाव आयोग ने जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव कराने की तैयारी शुरू कर दी है। 20 अगस्त तक मतदाता सूची भी तैयार हो जाएगी। सूत्रों ने कहा कि चुनाव आयोग ने राज्यों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को लिखा है कि गुरुवार को चुनावी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में मतदाता सूची के स्पेशल समरी रिविजन (स्स्क्र) का कार्यक्रम दिया जाएगा।

शुक्रवार को एक बयान में चुनाव आयोग ने कहा कि मतदान केंद्रों के स्थानों को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए उन्हें तर्कसंगत बनाने सहित स्पेशल समरी रिविजन एक्सरसाइज 25 जून से शुरू होगी। मतदाता सूची को 1 जुलाई की कट-ऑफ तारीख के साथ अपडेट किया जाएगा। चुनाव आयोग ने कहा कि चुनाव वाले राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में (हरियाणा, झारखंड, महाराष्ट्र और जम्मू-कश्मीर) ड्राफ्ट नामावली 25 जुलाई को प्रकाशित की जाएगी, जिसके बाद मतदाताओं के पास 9 अगस्त तक दावे और आपत्तियां दर्ज करने का मौका है। अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन तय कार्यक्रम के अनुसार 20 अगस्त तक किया जाएगा। 2018 में भंग होने के बाद से जम्मू-कश्मीर में कोई विधानसभा नहीं है। जबकि हरियाणा, महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभाओं का कार्यकाल 11 नवंबर, 26 नवंबर और 5 जनवरी, 2025 को खत्म हो रहा है। यानी इससे पहले चुनाव करना होगा।

चुनाव आयोग ने कहा, "निर्वाचन क्षेत्रों के परिसीमन के बाद एक नए सदन के गठन के लिए केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर की विधान सभा के लिए आम चुनाव भी आयोजित किया जाना है। हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनावों में जम्मू-कश्मीर के लोगों की भारी भागीदारी को देखते हुए आयोग ने 1 जुलाई, 2024 को केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में मतदाता सूची को अपडेट करने का भी निर्देश दिया गया है। सूत्रों ने कहा कि एसएसआर के अलावा चुनाव आयोग इस हफ्ते दिल्ली में चुनाव वाले राज्यों के अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण आयोजित कर रहा है। आयोग ने कहा कि चुनाव आयोग ने देश भर में होने वाले 47 उपचुनाव कराने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।


अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को बरकरार रखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल चुनाव आयोग को 30 सितंबर तक जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव कराने का आदेश दिया था। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि चुनाव आयोग बहुत जल्द ही चुनाव कराने की प्रक्रिया शुरू करेगा। लोकसभा चुनाव में जम्मू-कश्मीर के पांच संसदीय क्षेत्रों में कुल मिलाकर 58.58 प्रतिशत मतदान हुआ था।

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