दो दिन सीखेंगे उन्नति के गुर, मंत्रियों में जिज्ञासा, सीजी विजन पर भी विस्तृत चर्चा



भारत 2047 में कैसे विकसित राष्ट्र बनेगा इस पर चिंतन-मंथन, पहले सेशन में नीति आयोग के सीईओ सुब्रमणियम किये एड्रेस

रायपुर। भारत 2047 में कैसे विकसित राष्ट्र बनेगा इस पर चिंतन-मंथन शुरू हो चुका है। शिविर में सीजी  विजन पर भी विस्तृत चर्चा की गई। मौजूद मंत्रियों ने छत्तीसगढ़ में इस संबंध में बनाई जा रही नीतियों पर भी विस्तृत चर्चा किये। सीएम विष्णुदेव साय और मंत्रिमंडल ने सुब्रमण्यम के समक्ष अपनी जिज्ञासाएं भी रखीं। दो दिवसीय इस चिंतन शिविर में 

छत्तीसगढ़ के विजन पर भी विचार- विमर्श होना है। यहां के संसाधनों के सतत उपयोग एवं योजनाओं के अभिसरण सहित विविध विषयों पर चर्चा के साथ इसके इम्प्लीमेंट पर भी मंत्रियों ने जिज्ञासावश सवाल भी किये। भारत 2047 में कैसे विकसित राष्ट्र बनेगा, इस पर आज से आईआईएम का चिंतन शिविर प्रारंभ हुआ। भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) ने रायपुर में दो दिन का चिंतन शिविर लगाया है, जिसमें भारत के 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के विजन पर मंथन होगा। खास बात यह है कि इस शिविर में न सिर्फ सीएम विष्णुदेव साय, बल्कि उनके पूरे मंत्री दो दिन तक शामिल होंगे। शुक्रवार को इसके पहले सेशन का उद्घाटन सीएम साय ने किया और इसे नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रमणियम संबोधित कर रहे हैं। उन्होंने 2047 में विकसित भारत के पीएम नरेंद्र मोदी के विजन पर विस्तार से बातचीत की है। इस शिविर में सीएम साय के अलावा डिप्टी सीएम अरुण साव एवं विजय शर्मा, मंत्री रामविचार नेताम, मंत्री केदार कश्यप, मंत्री दयालदास बघेल, मंत्री ओपी चौधरी, मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, मंत्री लखनलाल देवांगन, मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े तथा मंत्री टंकराम वर्मा हिस्सा ले रहे हैं। इस शिविर को प्रथम सत्र को संबोधित करते हुए नीति आयोग के सीईओ सुब्रमणियम ने कहा कि पीएम मोदी स्केल, स्पीड और इनोवेशन पर जोर देते हैं। 

बदलते अंतराष्ट्रीय परिदृश्य और समय को देखते हुए विकसित भारत का विजन तैयार किया गया है, ताकि भारत अपनी विशिष्ट जगह बना सके।

 प्रतिष्ठानों में अग्निशामक यंत्रों की होगी जांच, सीएम साय ने दिए सख्त निर्देश


मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश के सभी शासकीय कार्यालयों, छोटे-बड़े उद्योगों, होटलों, बहुमंजिला इमारतों, मॉल, गेमिंग जोन, अस्थाई प्रदर्शनियों, पेट्रोल पंप आदि का मौका मुआयना कर अग्निशामक यंत्र की सुविधाएं सुनिश्चित करने के अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए हैं। श्री साय ने कहा है कि भीषण गर्मी के इस दौर में देश में लगातार अग्नि संबंधी दुर्घटनाएं हो रही है, जिससे जान-माल का नुकसान हो रहा है। दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिये नियमों का कड़ाई से पालन होना चाहिए। मुख्यमंत्री ने ऐसे सभी संस्था संचालकों से आग्रह किया है कि वे अपने प्रतिष्ठान में अग्निशामक यंत्रों का होना सुनिश्चित करें और समय-समय पर उसका निरीक्षण-परीक्षण भी करें। जिससे आपात स्थिति में हालात को तुरंत नियंत्रित किया जा सके और जनहानि से बचा जा सके।

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