मुस्लिम आरक्षण पर आक्रामक हुए पीएम मोदी-सीएम योगी



 चुनाव में दो चरणों का गणित साधने को भाजपा ने चला बड़ा दांव?

   नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 में छठे चरण के मतदान से ऐन पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) आरक्षण के मुद्दे को लेकर बेहद आक्रामक नजर आई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर उत्तर प्रदेश (यूपी) के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस मसले पर न सिर्फ विपक्ष को जमकर लपेटा बल्कि खुलकर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और मुसलमानों को मिलने वाले रिजर्वेशन का जिक्र भी किया। 

्रपहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश के मंडी में शुक्रवार (24 मई, 2024) को हुई जन सभा में पीएम ने विपक्ष को घेरते हुए कहा, 60 साल तक कांग्रेस ने सोचा ही नहीं कि सामान्य वर्ग में भी गरीब होते हैं. क्या ब्राह्मणों और बनियों के परिवारों में गरीब नहीं होते हैं? विपक्ष ने उनकी परवाह ही नहीं की. कांग्रेस ने सोचा ही नहीं पर मोदी ने आकर 10 फीसदी आरक्षण (सामान्य वर्ग के गरीबों को) दिया और इसे लेकर कोई झगड़ा नहीं हुआ।

 पीएम ने छेड़ा वोट जिहाद का जिक्र, बोले...

पीएम मोदी के मुताबिक, ये कांग्रेस वाले और उनके साथी सारे आरक्षण खत्म करके वोट जिहाद की बातें करने वाले मुसलमानों को दे देना चाहते हैं. कर्नाटक में उन्होंने कांग्रेस सरकार बनने के बाद उन्होंने ऐसा कर दिखाया. ओबीसी के आरक्षण का अधिकार छीनकर मुसलमानों को दे दिया। आप बताएं कि ऐसा काम आपको मंजूर है? क्या ऐसे लोगों को आप स्वीकार करेंगे?  

टीएमसी ने ओबीसी में मुस्लिमों को घुसेड़ दिया आरक्षण: योगी आदित्यनाथ

इस बीच, यूपी की राजधानी लखनऊ में सीएम योगी आदित्यनाथ ने पश्चिम बंगाल में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि टीएमसी ने ओबीसी में जबरन मुस्लिमों को घुसेड़कर आरक्षण दिया है. उनकी यह टिप्पणी दीदी के उस बयान पर आई, जो आरक्षण से जुड़ा हुआ था। 

चुनावी माहौल के बीच पीएम और यूपी सीएम के मुस्लिम आरक्षण बयान तब आए जब यूपी में मुस्लिम आरक्षण की समीक्षा का फरमान जारी किया गया है. सूत्रों की मानें तो योगी सरकार अब प्रदेश में यह पता लगाएगी कि ओबीसी में मुसलमानों को किस हिसाब से आरक्षण दिया गया है।

 लोकसभा चुनाव के बीच कुछ ऐसी है एक्सपर्ट्स की राय

आरक्षण के मुद्दे पर जो चिंगारी बंगाल में भड़की थी, वह यूपी में आकर धधकती लपटों के रूप में सियासी तापमान बढ़ा चुकी है. राजनीतिक जानकारों और चुनावी विश्लेषकों की मानें तो बीजेपी चुनावी समर के बीच मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे के जरिए शेष दो चरणों का गणित साधने की कोशिश में है. यह दांव अगर सफल रहा तब उसे सीटों के रूप में फायदे की संभावना है। 

यूपी में कुल 80 लोकसभा सीटें हैं. छठे चरण के तहत जहां 25 मई, 2024 को यूपी की 14 सीटों (सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अम्बेडकर नगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संत कबीर नगर, लालगंज (एससी), आज़मगढ़, जौनपुर, मछलीशहर (एससी) और भदोही) पर वोटिंग होगी, वहीं सातवें चरण में एक जून, 2024 को यूपी की 13 सीटों पर मतदान होगा. इन सीटों में महाराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव (एससी), घोसी, सलेमपुर,बलिया, गाजीपुर, चंदौली,वाराणसी, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज (एससी) शामिल हैं।

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