रेमल चक्रवात से इन राज्यों के किसानों को होगा बड़ा फायदा, वैज्ञानिकों ने बताई ये वजह



  नई दिल्ली । बंगाल की खाड़ी में उठा रेमल चक्रवात पश्चिम बंगाल समेत नॉर्थ ईस्ट के हिस्सों में अपना असर दिखाने लगा है। जिस गति से यह चक्रवात आगे बढ़ा है, उससे न सिर्फ स्थानीय जनजीवन प्रभावित हुआ है, बल्कि आने वाले दिनों में पूर्वोत्तर के किसानों के लिए भी बड़ी चुनौतियां पैदा कर दी हैं। वहीं, देश के प्रमुख कृषि वैज्ञानिकों और इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं विशेषज्ञ की मानें तो रेमल चक्रवात से समुद्री इलाकों को छोड़ दें, तो बाकी जगहों के किसानों को बड़ा फायदा मिलेगा। वैज्ञानिकों का कहना है कि चक्रवात की गति से मानसून के बादलों को न सिर्फ आगे बढऩे की गति मिली है, बल्कि मानसून के सही समय पर पहुंचने की और पुख्ता मुहर लग गई है। 

रेमल चक्रवात की सक्रियता से मौसम विभाग से लेकर पूरा सरकारी अमला सक्रिय हो गया। जिस तरीके का असर चक्रवात में शुरुआती दौर में पश्चिम बंगाल और आसपास के समुद्री तटों पर दिखाना शुरू हुआ, उससे जनजीवन प्रभावित हुआ। सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट में मौसम पर शोध करने वाले अक्षित गोयल कहते हैं कि इस चक्रवात के प्रभाव और दुष्प्रभाव, दोनों तरह से आकलन किया जा रहा है। वह कहते हैं कि अगर खेती किसानी के लिहाज से इस चक्रवात को देखा जाए, तो मैदानी इलाकों में इसका बड़ा व्यापक और सकारात्मक असर पडऩे वाला है। अक्षित के मुताबिक जिस गति से यह चक्रवात चल रहा है, उससे मानसून की विंड्स  पर बड़ा असर होगा। ऐसी दिशओं में मानसून के समय पर पहुंचने की न सिर्फ संभावनाएं बढ़ जाती हैं, बल्कि मानसून की सक्रियता के साथ-साथ सीधे तौर पर खेती किसानी के लिहाज से फायदा भी होता है। 

 असम में बह गई रोड, अरुणाचल में रेड अलर्ट

चक्रवात रेमल के कारण पश्चिम बंगाल समेत पूर्वोत्तर के लगभग सभी राज्य प्रभावित हुए। भारी बारिश के कारण इन राज्यों के कई इलाकों में जलभराव हो गया। नदियों का पानी बढऩे से सड़के बह गईं, जिससे सामान्य जनजीवन काफी ज्यादा प्रभावित हो रहा है। कई इलाकों में भूस्खलन के कारण इमारते ढह गईं। पश्चिम बंगाल में चक्रवात रेमल के प्रभाव से 2,140 से अधिक पेड़ उखड़ गए और लगभग 1,700 बिजली के खंभे भी गिर गए। 

अरुणाचल में रेड अलर्ट

मौसम विभाग ने अरुणाचल प्रदेश के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। मुख्यमंत्री पेमा खांडु ने मंगलवार को राज्य के लोगों से सभी एहतियाती कदम उठाने और तूफान से प्रभावित क्षेत्रों से बचने का अनुरोध किया। मौसम विभाग ने मंगलवार और बुधवार को कुरुंग कुमेय, निचला सुबनसिरी, शि-योमी, पश्चिम सियांग, लोहित, चांगलांग, तिरप और लोंगडिंग जिले में भारी बारिश और बिजली गिरने की संभावना जताई है। 

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