बच्चों को दिया जाने वाला पौष्टिक आहार आंगनबाड़ी से पशु आहार बिक्री केंद्र कैसे पहुंचा?



70 पैकेट बरामद किये गए, दिखाया मात्र 12 पैकेट  

बलौदाबाजार। भाटापारा के अग्रवाल पशु आहार केंद्र में ब'चों को सुपोषित करने दिया जाने वाला पौष्टिक आहार मिला है। जिसकी पुष्टि जिला महिला बाल विकास विभाग अधिकारी ने की है और नोट शीट बनाकर पुलिस को देने की बात कर रहे हैं। सबसे मजेदार बात यह है कि महिला बाल विकास विभाग की ओर से ब'चों को सुपोषित करने पौष्टिक आहार को आंगनबाड़ी केंद्र से वितरण किया जाता है। 



लेकिन वह पौष्टिक आहार आंगनबाड़ी केंद्र में न होकर भाटापारा के पशु आहार बिक्री केंद्र में मिलना संदेह को जन्म देता है। इसकी शिकायत पर गए अधिकारियों को उक्त पशु आहार बिक्री केंद्र में पैकेट मिलने के बाद भी कोई स्पष्ट कार्रवाई न करना कहीं न कहीं अपने मातहतों के साथ पशु आहार केंद्र विक्रेता को बचाने का प्रयास करता दिखाई देता है। 

 सूत्रों की माने तो पशु आहार केंद्र से लगभग 70 पैकेट बरामद किये गए, लेकिन प्रशासन मात्र 12 पैकेट की बरामदगी बता रहा है। यह भी बताया जा रहा है कि 70 पैकेट से 12 पैकेट करने के लिए एक मोटी रकम अधिकारियों को दी गई है। हालांकि इसकी पुष्टि हम नहीं करते हैं।



सवाल यह उठता है कि इस पौष्टिक आहार जो कि आंगनबाड़ी केंद्र में सप्लाई करना है और इसका बाहरी बिक्री पर प्रतिबंध है। दुकान पर पौष्टिक आहार कैसे पहुंचा यह बड़ा सवाल है? क्या आंगनबाड़ी केंद्र संचालिका के द्वारा इसे ब'चों को न दिया जाकर दुकान पर बेचा गया है या अन्य जगहों से प्राप्त हुआ है। इस पर महिला बाल विकास विभाग चुप्पी साध लिया है।



 यह जरूर है कि कलेक्टर केएल चौहान ने मामला संज्ञान में आने के बाद जांच की बात कही है पर महिला बाल विकास विभाग अधिकारी इस मामले पर उक्त पशु आहार केंद्र के संचालक पर कोई भी मामला दर्ज नहीं कराये है जबकि उन्हीं की ओर से जांच के लिए भेजे गए अधिकारी द्वारा पैकेट बरामदगी किया गया है। जो कही न कहीं संदेह उत्पन्न करता है कि मामले में दुकानदार ही नहीं आंगनबाड़ी केंद्र संचालक भी दोषी है जिन्हें विभाग बचाने की कोशिश में लगा है। देखना होगा कि महिला बाल विकास विभाग कितनी जल्दी कार्रवाई करता है या मामले को ठंडे बस्ते में डाल देता है।

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