न्यूयॉर्क। धरती से करीब 22.53 करोड़ किमी. नासा एक दूर के क्षुद्रग्रह से एक रहस्यमय संकेत का पता लगाने में कामयाब रहा। नासा ने कहा है कि यह दूरी थोड़ी-बहुत नहीं, बल्कि पृथ्वी से सूर्य की दूरी से डेढ़ गुना ज्यादा है। नासा की इस उपलब्धि की बदौलत अंतरिक्ष से सिग्नल के रूप में डेटा प्राप्त करना और उस पर शोध करना संभव हो सकेगा।
अक्टूबर 2023 में, नासा ने क्षुद्रग्रह साइकी 16 का अध्ययन करने के लिए एक अंतरिक्ष मिशन शुरू किया, जो सौर मंडल में विभिन्न धातुओं से बना है और बृहस्पति और मंगल के बीच स्थित है। इस उद्देश्य के लिए भेजा गया 'साइकीÓ अंतरिक्ष यान अंतरिक्ष में अरबों किलोमीटर से संकेतों का पता लगाने और लेजर सिग्नल के माध्यम से सूचनाओं का आदान-प्रदान करने के लिए एक विशेष 'डीप स्पेस ऑप्टिकल कम्युनिकेशनÓ प्रणाली से लैस है।
इसी प्रणाली ने रेडियो फ्रीक्वेंसी ट्रांसमीटर से इंटरफेस करके करीब 22.53 करोड़ किलोमीटर दूर से महत्वपूर्ण सूचनाएं पृथ्वी पर भेजीं। लेजऱ सिग्नल से लगभग 10 मिनट का डेटा सफलतापूर्वक डाउनलिंक किया गया। अभी इसका अध्ययन किया जा रहा है.
...तो हाई स्पीड डेटा भी भेजा जा सकता है
-उन्होंने यह भी कहा कि 8 अप्रैल को किए गए परीक्षण में हमने 25 एमबीपीएस की स्पीड पर डेटा ट्रांसमिशन का परीक्षण किया है।
-लेजर ट्रांसीवर के डाउनलिंक का उपयोग करके इस डेटा को 267 एमबीपीएस की गति से प्रसारित करना संभव है।
-शोधकर्ता मीरा श्रीनिवासन ने कहा, क्योंकि अंतरिक्ष यान अभी बहुत दूर है, इसलिए डेटा ट्रांसमिशन की गति धीमी है।
क्या अंतरिक्ष में जानकारी सामने आएगी?
नासा की इस उपलब्धि से अंतरिक्ष और पृथ्वी के बीच लेजर ट्रांसमिशन सिग्नल का अध्ययन किया जा सकेगा। इससे अंतरिक्ष में नई जानकारी सामने आएगी। नासा ने कहा है कि इससे अंतरिक्ष अन्वेषण को और अधिक गति मिल सकती है।