छत्तीसगढ़ के 3 हजार सहायक शिक्षकों की नौकरी खतरे में



हाईकोर्ट का सहायक शिक्षकों की नियुक्ति निरस्त करने का आदेश

रायपुर । छत्तीसगढ़ में तीन हजार से अधिक सहायक शिक्षकों की नौकरी खतरे में आ गई है। उच्च न्यायालय ने सहायक शिक्षकों के पद पर बीएड डिग्रीधारी आवेदकों की नियुक्ति निरस्त कर दी है और साथ ही छह सप्ताह में डीएड धारकों की पुनरीक्षित सूची बनाने का आदेश दिया है।

न्यायालय के इस फैसले के बाद ये सभी शिक्षक अब विभिन्न सरकारी दफ्तरों के साथ-साथ मंत्री-विधायकों से मुलाकात कर नौकरी बचाने की गुहार लगा रहे हैं।

पिछली सरकार के दौरान चार मई 2023 को लोक शिक्षण संचालनालय ने शिक्षक भर्ती का विज्ञापन जारी किया था। इस विज्ञापन में सहायक शिक्षक के पद पर बीएड कोर्स को भी मान्य किया गया था। पिछले साल 10 जून को इसकी परीक्षा हुई थी और दो जुलाई को रिजल्ट और मेरिट लिस्ट जारी की गई। इसके बाद 11 अगस्त को क्वालिटी ऑफ एजुकेशन के नाम पर उच्चतम न्यायालय ने एनसीटीई के इस गजट नोटिफिकेशन को रद्द करने के साथ ही बीएड को प्राथमिक स्तर के लिए अमान्य ठहरा दिया।

 याचिका में हाईकोर्ट ने कहा..

इसके बाद डीएड डिग्री धारकों ने चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। शीर्ष अदालत के फैसले के आधार पर उच्च न्यायालय ने साफ कर दिया कि प्राथमिक शिक्षकों के लिए सिर्फ डीएड पास अभ्यर्थी ही मान्य होंगे। गौरतलब है कि उच्च न्यायालय ने दो अप्रैल 2024 को बीएड प्रशिक्षित नवनियुक्त सहायक शिक्षकों को छह महीने की सेवा के बाद पदमुक्त करने का आदेश जारी कर दिया। यह मामला शीर्ष अदालत में लंबित है। न्यायालय में सरकार अपना पक्ष रखेगी।

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