थोक महंगाई दर 13 महीने में सबसे ज्यादा खाने-पीने की चीजें महंगी



साबुन-तेल जैसे डेली यूज के सामानों के दाम भी बढ़े

नई दिल्ली। अप्रैल महीने में थोक महंगाई बढ़कर 1.26त्न हो गई है। यह महंगाई का 13 महीने का उच्चतर स्तर है। इससे पहले मार्च 2023 में थोक महंगाई दर 1.34त्न थी। खाने-पीने की चीजों की कीमत बढऩे से महंगाई बढ़ी है। वहीं इससे एक महीने पहले मार्च 2024 में ये 0.53त्न रही थी। वहीं फरवरी में थोक महंगाई 0.20त्न और जनवरी में 0.27त्न रही थी।

इससे पहले अप्रैल में खुदरा महंगाई (रिटेल इन्फ्लेशन) दर 11 महीने में सबसे कम रही। अप्रैल में यह घटकर 4.83त्न पर आ गई है। जून 2023 में यह 4.81त्न थी। हालांकि, अप्रैल में खाने-पीने की चीजें महंगी हुई हैं। नेशनल स्टेटिस्टिकल ऑफिस ने सोमवार 14 मई को ये आंकड़े जारी किए थे। वहीं एक महीने पहले यानी मार्च 2024 में महंगाई की दर 4.85त्न रही थी। खाद्य महंगाई दर 8.52त्न से बढ़कर 8.78त्न पर पहुंच गई है। ग्रामीण महंगाई दर 5.45त्न से घटकर 5.43त्न आ गई और शहरी महंगाई दर 4.14त्न से घटकर 4.11त्न पर आ गई है।

डब्लूपीआई का आम आदमी पर असर

थोक महंगाई के लंबे समय तक बढ़े रहने से ज्यादातर प्रोडक्टिव सेक्टर पर इसका बुरा असर पड़ता है। अगर थोक मूल्य बहुत ज्यादा समय तक ऊंचे स्तर पर रहता है, तो प्रोड्यूसर इसका बोझ कंज्यूमर्स पर डाल देते हैं। सरकार केवल टैक्स के जरिए कंट्रोल कर सकती है। जैसे कच्चे तेल में तेज बढ़ोतरी की स्थिति में सरकार ने ईंधन पर एक्साइज ड्यूटी कटौती की थी। हालांकि, सरकार टैक्स कटौती एक सीमा में ही कम कर सकती है। ङ्खक्कढ्ढ में ज्यादा वेटेज मेटल, केमिकल, प्लास्टिक, रबर जैसे फैक्ट्री से जुड़े सामानों का होता है।

महंगाई कैसे मापी जाती है?

भारत में दो तरह की महंगाई होती है। एक रिटेल, यानी खुदरा और दूसरी थोक महंगाई होती है। रिटेल महंगाई दर आम ग्राहकों की तरफ से दी जाने वाली कीमतों पर आधारित होती है। इसको कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (ष्टक्कढ्ढ) भी कहते हैं। वहीं, होलसेल प्राइस इंडेक्स (ङ्खक्कढ्ढ) का अर्थ उन कीमतों से होता है, जो थोक बाजार में एक कारोबारी दूसरे कारोबारी से वसूलता है। महंगाई मापने के लिए अलग-अलग आइटम्स को शामिल किया जाता है। जैसे थोक महंगाई में मैन्युफैक्चर्ड प्रोडक्ट्स की हिस्सेदारी 63.75त्न, प्राइमरी आर्टिकल जैसे फूड 20.02त्न और फ्यूल एंड पावर 14.23त्न होती है। 


वहीं, रिटेल महंगाई में फूड और प्रोडक्ट की भागीदारी 45.86त्न, हाउसिंग की 10.07त्न और फ्यूल सहित अन्य आइटम्स की भी भागीदारी होती है।

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