कवर्धा। दूरस्थ अंचल में निवासरत वनवासियों एवं आदिवासियों की अतिरिक्त आय का प्रमुख स्त्रोत तेंदूपत्ता संग्रहण हैं। छ.ग. शासन द्वारा इस वर्ष तेंदूपत्ता संग्रहण दर को 4000 रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ा कर 5500 रुपए प्रति मानक बोरा कर दी गई। परिणाम स्वरूप वनवासी भाई अपने पूर्ण परिवार सहित भीषण गर्मी में अधिक-से-अधिक तेंदूपत्ता संग्रहण करने में जुट गए हैं। बेमौसम बारिश इस कार्य में रूकावट पैदा नहीं कर सका। बारिश बंद होते ही ग्रामीण तेंदूपत्ता संग्रहण में लग जाते हैं।
50 प्रतिशत लक्ष्यपूर्ण: कबीरधाम जिले में 35000 वनवासी तेंदूपत्ता संग्रहण करते हैं। यह कार्य 5 मई से 22 मई तक किया जाना है। जिले का लक्ष्य 40,100 मानक बोरा है। परन्तु दिनांक 9 मई तक ही 19,621 मानक बोरा तेंदूपत्ता संग्रहण हो चुका है। जिसकी संग्रहण राशि 10 करोड़ 79 लाख रुपए हैं।
9 मई को मुख्य वन संरक्षक, दुर्ग तथा वन मंडलाधिकारी कवर्धा द्वारा राजानवागांव समिति के फड़ छपरी तेंदूपत्ता फड़ का निरीक्षण किया गया तथा उपस्थित उप वनमंडाधिकारी, परिक्षेत्र अधिकारी कवर्धा, उप वन क्षेत्रपालो, तथा प्रंबधक एवं फड़ मुंशियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि प्रत्येक संग्राहक को कम से कम 500 तेन्दूपत्ता गड्डी संग्रहण कर लाने हेतु प्रेरित करें ताकि उनके बालक-बलिकाओं को शिष्यवृत्ति एंव छात्रवृति का लाभ तथा परिवार के सदस्यों या मुखिया के आकस्मिक निधन होने पर संतप्त परिजनों को आर्थिक लाभ की पात्रता बने।