नागपुर। इंटरनेट सेवाओं के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय प्रसिद्ध मेटा कंपनी ने प्रतिबंधित नायलॉन मांजा की बिक्री के संबंध में बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ के समक्ष अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए स्पष्ट किया कि कंपनी इस अवैध कारोबार के लिए जिम्मेदार नहीं है। फेसबुक और इंस्टाग्राम पर खाताधारकों द्वारा प्रकाशित पोस्ट।
प्रतिबंधित नायलॉन मांजा की बिक्री के खिलाफ हाईकोर्ट में जनहित याचिका लंबित है। इस बीच कोर्ट ने फेसबुक और इंस्टाग्राम के जरिए नायलॉन मांजा ऑनलाइन बेचे जाने के तथ्य को ध्यान में रखते हुए मेटा कंपनी से स्पष्टीकरण मांगा था।
कंपनी ने एक हलफनामा दायर किया है और अपना पक्ष रखा है। मेटा कंपनी भारत में फेसबुक और इंस्टाग्राम सेवाएं प्रदान करती है, दोनों के लाखों भारतीय खाते हैं और वे हर दिन फेसबुक और इंस्टाग्राम पर अरबों संदेश, फोटो, वीडियो आदि पोस्ट करते हैं।
मेटा कंपनी इन दोनों सेवाओं के लिए मध्यस्थ के रूप में कार्य करती है। इसलिए सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और श्रेया सिंघल मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार मेटा कंपनी खाताधारकों द्वारा बताई गई जानकारी के लिए जिम्मेदार नहीं है। कंपनी ने कहा परिणामस्वरूप ऐसे मामलों के कारण मेटा कंपनी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है।