दिल्ली से 1 रुपए निकलता था 15 पैसे गांव तक पहुंचता था : पीएम मोदी



रायपुर । प्रधानमंत्री ने सभा में बोले- कांग्रेस कार्यकाल में भ्रष्टाचार देश की पहचान बन गई थी। पहले दिल्ली से 1 रुपए निकलता था और 15 पैसे गांव तक पहुंचता था। कांग्रेसियों को लगा था कि इन्हें लूट का लाइसेंस मिल गया है। लेकिन भाजपा की सरकार आते ही ये लाइसेंस कैंसिल कर दिया। अब लूट का लाइसेंस कैंसिल कर दिया तो ये मुझे गाली देते हैं। कांग्रेस के भ्रष्टाचार पर आज कड़ी कार्रवाई हो रही है।

कोराना काल में मैं देश के साथ खड़ा रहा

कोरोना काल में मैंने कहा था मैं देश के हर गरीब के साथ खड़ा हूं। मोदी सरकार ने आपको मुफ्त टीका लगवाया, गरीबों को मुफ्त राशन की दुकानें खुलवाई। मुफ्त राशन और मुफ्त वैक्सीनेशन के लिए 4 लाख करोड़ खर्च किए गए। आगे भी मुफ्त राशन की योजना जारी रहेगी। मैंने 34 लाख करोड़ रुपए लाभार्थियों के बैंक खाते में भेजे हैं। दिल्ली से पूरा पैसे निकलकर लोगों के खातों में पहुंचा।

घर-घर जाना और कहना मोदी जी ने राम-राम कहा है

मेरा लक्ष्य देश को विकसित बनाना है। यहां के पूरे परिवार को विकसित बनाना है। छत्तीसगढ़ से मेरा इतना प्यार है कि देश में हुए दूसरे प्रधानमंत्री से भी ज्यादा बार मैं यहां आया हूं। मेरा एक काम करना, घर-घर जाना और लोगों से मेरा राम-राम कहना।

आखिरी बार सीएम साय के शपथ ग्रहण में आए थे पीएम मोदी

इससे पहले आखिरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बीजेपी की नई सरकार के गठन के समय छत्तीसगढ़ आए थे। वहीं, विधानसभा चुनाव के दौरान उनकी आखिरी सभा 13 नवंबर 2023 को महासमुंद में हुई थी। मोदी इससे पहले 3 अक्टूबर को जगदलपुर और 2 नवंबर को कांकेर में भी चुनावी रैली कर चुके थे।

बस्तर से ही हुई थी विधानसभा चुनाव के प्रचार की शुरुआत

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने बस्तर से ही चुनावी अभियान की शुरुआत की थी। जिसके बाद बीजेपी को ऐतिहासिक जनादेश मिला। इस बार भी बस्तर से ही लोकसभा चुनाव प्रचार का शंखनाद हो रहा है।

पहली बार चुनावी मैदान में उतरे हैं महेश कश्यप

भाजपा ने महेश कश्यप को अपना प्रत्याशी बनाकर चुनावी मैदान में उतारा है। वे पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ रहे हैं। इससे पहले सरपंच रह चुके हैं। वहीं इनके सबसे निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस के कवासी लखमा है, जो कोंटा विधानसभा से लगातार 6 बार के विधायक हैं। हालांकि, कवासी भी पहली बार लोकसभा चुनाव के अखाड़े में अपना भाग्य आजमाने उतरे हैं।

धर्मांतरण के मुद्दे पर बीजेपी का फोकस

धर्मांतरण बस्तर में नक्सलवाद जितना ही बड़ा मुद्दा बन गया है। महेश कश्यप को प्रत्याशी बनाने के पीछे भी बीजेपी की यही मंशा है कि धर्मांतरण के खिलाफ काम करने वाले चेहरे को उतारा जाए। इसे लेकर पिछले कुछ सालों में आदिवासी समुदाय उग्र भी हुआ है। यहां तक कि वो आदिवासी, जो धर्मांतरण या मतांतरण कर चुके हैं, उनके परिवार वालों की लाशों को भी गांव में दफनाने की जगह नहीं दी जा रही। विधानसभा चुनावों में यह मुद्दा काफी गर्म था।

बीजेपी सरकार में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई तेज

जबसे प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी है, नक्सलियों के खिलाफ मुहिम काफी तेज हो गई है। मोदी के आने से कुछ दिन पहले ही फोर्स ने करीब 13 नक्सलियों को मार गिराया। कुल 20 नक्सली मारे जा चुके हैं। कुछ हार्ड कोर नक्सलियों को पकडऩे का दावा भी किया जा रहा है। हालांकि पीएम ने माओवाद के खात्मे पर कोई विस्तृत बातें नहीं किये। 


 

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