लोकसभा चुनाव मैदान में नहीं उतरेंगे; क्या है मल्लिकार्जुन खडग़े की रणनीति?




नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस से बड़ी खबर सामने आ रही है। ऐसी उम्मीद है कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े इस साल लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे। लेकिन इस पर किसी ने आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है। लेकिन इस खबर ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बेचैनी बढ़ा दी है।



मल्लिकार्जुन खडग़े खुद को अपने अभियान में व्यस्त करने के बजाय व्यापक रूप से पार्टी के अभियान पर ध्यान केंद्रित करने के इच्छुक हैं। खडग़े सिर्फ  एक निर्वाचन क्षेत्र में शामिल होने के बजाय पूरे देश में कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए प्रचार करने के लिए जाने की तैयारी कर रहे हैं। यह खबर सूत्रों के हवाले से दी है।



रिपोट्र्स के मुताबिक, कर्नाटक की उम्मीदवार सूची में खडग़े के नाम पर सहमति बन गई है। कहा जा रहा था कि खडग़े गुलबर्गा लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ेंगे। लेकिन सूत्रों के मुताबिक खडग़े उनकी जगह अपने दामाद राधाकृष्णन डोड्डामणि को मंत्री बनाना चाहते हैं।


मल्लिकार्जुन खडग़े गुलबर्गा लोकसभा क्षेत्र से दो बार सांसद बन चुके हैं। 2019 के चुनाव में खडग़े को हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद वह सांसद बनकर राज्यसभा गए। खडग़े राज्यसभा में विपक्ष के नेता हैं। उनके कार्यकाल के अभी 4 साल बाकी हैं।


खडग़े के बेटे प्रियांक खडग़े कर्नाटक सरकार में मंत्री हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें लोकसभा चुनाव लडऩे में कोई दिलचस्पी नहीं है। लेकिन असल में कांग्रेस आम चुनाव में राज्य मंत्रियों को मैदान में नहीं उतारती। इसलिए खडग़े ने अपने दामाद को चुनाव में उतारने का फैसला किया है।



कांग्रेस में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव न लडऩे का कोई रिकॉर्ड नहीं है। हाल ही में सोनिया गांधी, राहुल गांधी चुनाव लड़े और जीते। लेकिन राहुल गांधी ने 2019 में 2 जगहों से चुनाव लड़ा। 

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