नक्सल विचारधारा से तंग आकर पुलिस कमांडो बनी राजकुमारी
मुख्यमंत्री से बोलीं सुमित्रा- गलत होने का जल्द ही अंदाज़ा हुआ, इसलिए आत्मसमर्पण किया
रायपुर । अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर दंतेवाड़ा के जावंगा में बस्तर फाइटर्स एवं दंतेश्वरी फाइटर्स से चर्चा संवाद कार्यक्रम में मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय से अपने जीवन का अनुभव साझा करते हुए राजकुमारी ने बताया कि उन्होंने नक्सल विचारधारा से तंग आकर पुलिस कमांडो बनने की ठानी। सुमित्रा ने बताया कि मैं एक समय में स्वयं ही नक्सली थीं, मुझे अपने गलत होने का जल्द ही अंदाज़ा हो गया इसलिए मैंने आत्मसमर्पण कर दिया।
नक्सलवाद की राह छोड़कर पुलिस में नौकरी पाने वाली सुमित्रा ने बताया कि एक समय मैं स्वयं ही नक्सली थीं। मुझ पर पांच लाख रूपए का ईनाम घोषित था। मैं 2004 से लेकर 2018 तक नक्सली गतिविधियों में सक्रिय रहीं। इसी दौरान मुझे नक्सल विचारधारा के खोखलेपन का एहसास हुआ। सरकार की अच्छी नीति और पुलिस के प्रयास से समझ में आया कि सरकार की आत्मसमर्पण नीति बहुत कल्याणकारी है, तो अंततः मैंने आत्मसमर्पण कर दिया और समर्पण नीति के अनुरूप मुझे पुलिस में नौकरी मिल गई।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राजकुमारी और सुमित्रा की बात सुनकर कहा कि मैं आप दोनों को सेल्यूट करता हूं। आपने कठिन परिस्थितियों में भी अपने हौसले नहीं छोड़े।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने राजकुमारी और सुमित्रा की बात सुनकर कहा कि मैं आप दोनों को सेल्यूट करता हूं। आपने कठिन परिस्थितियों में भी अपने हौसले नहीं छोड़े।
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