50 साल बाद चांद पर अमेरिका का नया रिकॉर्ड! पहला निजी अंतरिक्ष यान दक्षिणी ध्रुव पर उतरा



-1972 के बाद पहली बार कोई अमेरिकी अंतरिक्ष यान चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने में सफल हुआ 


ह्यूस्टन। लगभग 50 वर्षों में पहली बार, कोई अमेरिकी अंतरिक्ष यान चंद्रमा पर उतरा है। चंद्रमा पर पिछला अमेरिकी अंतरिक्ष यान 1972 में सॉफ्ट लैंडिंग कर चुका था। वह मिशन था अपोलो 17 फिर 50 साल बाद जो लैंडर चांद पर उतरा उसका नाम है- ओडीसियस लैंडर। इसे ह्यूस्टन की इंटुएटिव मशीन्स ने बनाया है। नासा के मुताबिक यह भारतीय समयानुसार शाम 4:53 बजे उतरा। चंद्रमा पर उतरने वाला यह किसी निजी कंपनी का पहला अंतरिक्ष यान है। जब ओडीसियस लैंडर चंद्रमा की सतह पर उतरा, तो कुछ खराबी के कारण टीम का अंतरिक्ष यान से संपर्क टूट गया। लेकिन वैज्ञानिकों ने कहा कि यह सुरक्षित रूप से उतर गया और चालू है। लैंडिंग को वाणिज्यिक अंतरिक्ष यान और अमेरिकी अंतरिक्ष उद्योग के लिए एक मील का पत्थर माना जाता है।


मिशन 7 दिनों तक सक्रिय रहेगा


अंतरिक्ष यान चंद्रमा के दक्षिणी धु्रव पर उतर चुका है। अमेरिका का यह मिशन 7 दिनों तक सक्रिय रहेगा। क्योंकि ठंड अंतरिक्ष यान को नुकसान पहुंचा सकती है। इसके साथ ही अमेरिका भारत के बाद दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला दूसरा देश बन गया है। 23 अगस्त 2023 को चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के साथ भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन गया। ओडीसियस 14 फरवरी को उतरने वाला था, लेकिन तकनीकी कारणों से इसे स्थगित करना पड़ा।



अमेरिका 2026 में चांद पर इंसान उतारने की तैयारी कर रहा है


अमेरिका चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाले पांच देशों में से एक है। हालाँकि, यह एकमात्र ऐसा देश है जिसके अंतरिक्ष यात्री चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतरे हैं। अमेरिका का लक्ष्य अगले साल फिर से चंद्रमा के चारों ओर अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने का है। इसके अलावा, 2026 में चंद्र लैंडिंग निर्धारित है, जो 50 से अधिक वर्षों में चंद्रमा पर पहली मानव लैंडिंग होगी।

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