बिलकिस बानो केस: आरोपियों को 21 जनवरी तक सरेंडर करने के आदेश




-सरेंडर के लिए और समय देने के लिए कोर्ट से समय मांगा 


नई दिल्ली। बिलकिस बानो मामले में तीन दोषी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जज ने 21 जनवरी तक सरेंडर करने के आदेश जारी कर दिए। गोविंदभाई नाइक, रमेश रूपाभाई चंदना और मितेश चिमनलाल भट्ट ने अलग-अलग कारणों से समय सीमा बढ़ाने की अपील की है। सुप्रीम कोर्ट तीनों दोषियों की अर्जी पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा।


दोषियों के वकीलों ने कहा कि आत्मसमर्पण करने का समय रविवार को समाप्त हो रहा है। कोर्ट से अनुरोध है कि आवेदनों पर जल्द विचार कर सुनवाई की जाये। न्यायमूर्ति बी.वी. नागरत्न ने कहा कि आत्मसमर्पण करने और जेल में रिपोर्ट करने के लिए समय बढ़ाने की मांग करने वाले तीन आवेदन थे, लेकिन पीठ का पुनर्गठन करना होगा। रविवार को समय समाप्त होने के साथ रजिस्ट्री सीजेआई से पीठ के पुनर्गठन के लिए आदेश मांगेगी। पीठ ने कहा कि ऐसे में कोर्ट इस मामले की सुनवाई कल करेगी, जब सीजेआई पीठ का पुनर्गठन करेंगे।



तीनों दोषियों ने क्या दी दलील?


गोविंदभाई नाइक ने बीमारी का हवाला देते हुए सरेंडर की अवधि 4 हफ्ते बढ़ाने की मांग की है। रमेश रूपाभाई चंदना ने अपने बेटे की शादी का हवाला देते हुए आत्मसमर्पण के लिए छह सप्ताह की समय सीमा की मांग की है, जबकि मितेश चिमनलाल भट्ट ने मांग की है कि यह फसल का मौसम है।



8 जनवरी को अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो बलात्कार और उसके परिवार की हत्या के मामले में 11 दोषियों को बरी करने के फैसले को रद्द कर दिया। कोर्ट ने दोषियों को दो हफ्ते के अंदर जेल में सरेंडर करने का आदेश दिया था। अब इसने सरेंडर की समय सीमा बढ़ाने के लिए याचिका दायर की है।

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