रायपुर । विष्णुदेव राय छत्तीसगढ़ की कुनकुरी इलाके के कांसाबेल से लगे बगिया गांव के रहने वाले मूलत: किसान हैं। राज्य में आदिवासी समुदाय की आबादी सबसे अधिक है और वे इसी समुदाय का प्रतिनिधित्व करते हैं। उनकी गिनती रमन सिंह के करीबी लोगों में होती है। 1989 में अपने गांव बगिया से पंच पद से राजनीतिक जीवन की शुरुआत करने वाले विष्णुदेव साय 1990 में निर्विरोध सरपंच निर्वाचित हुए थे। इसके बाद तपकरा से विधायक चुनकर 1990 से 1998 तक वे मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे।
इसके बाद 1999 में वे 13 वीं लोकसभा के लिए रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए। इसके बाद भाजपा ने उन्हें 2006 में पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया। इसके बाद 2009 में 15 वीं लोकसभा के लिए हुए चुनाव में वे रायगढ़ लोकसभा क्षेत्र से फिर से सांसद बने। इसके बाद 2014 में 16 वीं लोकसभा के लिए वे फिर से रायगढ़ से सांसद बने। इस बार केंद्र में मोदी की सरकार ने उन्हें केंद्रीय राज्यमंत्री, इस्पात खान, श्रम, रोजगार मंत्रालय बनाया।
वे 27 मई 2014 से 2019 तक इस पद पर रहे। पार्टी ने 2 दिसंबर 2022 को उन्हें राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य और विशेष आमंत्रित सदस्य बनाया। इसके बाद विष्णुदेव साय 8 जुलाई 2023 को भाजपा ने राष्ट्रीय कार्यसमिति का सदस्य बनाया। विष्णुदेव साय 2020 में भी बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं। सांसद और केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं। संघ के करीबी नेताओं में उनकी गिनती होती है। विष्णुदेव साय की इसी मजबूत प्रोफाइल की वजह से उन्हें पार्टी ने सबसे बड़ा पद दिया है।
पूर्व सीएम बघेल से 3 साल छोटे
विष्णुदेव साय का जन्म 21 फरवरी 1964 को जशपुर के ग्राम बगिया में स्व। रामप्रसाद साय और जसमनी देवी के घर हुआ था। पूर्व सीएम भूपेश बघेल से वे 3 साल छोटे हैं। किसान परिवार से आने वाले साय ने लंबा राजनीतिक सफर तय कर ऊंचा मुकाम हासिल किया। प्रदेश और देश की राजनीति में सक्रिय रहे।
कुनकुरी में ही पढ़ाई की, फिर छूटा स्कूल
विष्णुदेव साय की प्रारंभिक शिक्षा कुनकुरी में ही हुई। इसके बाद उन्होंने वहीं से 12वीं तक की पढ़ाई की, लेकिन फिर उनका स्कूल छूट गया। पिता के साथ खेती-किसानी में हाथ बंटाने वाले साय ने 25 साल की उम्र में राजनीति में कदम रखा। उनके परिवार के अन्य लोग शुरू से ही जनसंघ से जुड़ रहे।
भूपेश से संपत्ति के मामले में पीछे हैं साय
विधानसभा चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग को दिए गए शपथपत्र के अनुसार, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की संपत्ति 6।5 करोड़ रुपए है। वहीं मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार, विष्णुदेव साय की संपत्ति 2।98 करोड़ रुपए है। इसमें उनकी कृषि, जमीन और घर भी शामिल हैं। आय का स्रोत भी किसानी ही है।
परिवार से मिला राजनीतिक अनुभव
साय खुद किसान परिवार से थे, लेकिन उनके बड़े पिताजी स्व। नरहरि प्रसाद साय और दादा स्व। बुधनाथ साय जनसंघ के समय से ही राजनीति में रहे। नरहरि प्रसाद तपकरा से विधायक थे, फिर लैलूंगा से विधायक और बाद में सांसद चुने गए। केंद्र में संचार राज्यमंत्री बने।
सरपंच से शुरू हुआ राजनीतिक करियर
साय ने अपना राजनीतिक करियर गांव की राजनीति से शुरू किया। वह 1989-1990 में अविभाजित मध्य प्रदेश में तपकरा की ग्राम पंचायत बगिया से निर्विरोध सरपंच चुने गए। इसके बाद पहली बार भाजपा के टिकट पर 1990 में तपकरा सीट से ही विधायक बने। 8 साल विधायक रहने के बाद 2004 में रायगढ़ से सांसद चुने गए। लोकसभा का यह सफर 2014 तक जारी रहा। सांसद रहने के दौरान मोदी सरकार में इस्पात मंत्रालय में राज्यमंत्री बनाए गए। इस बीच 2011 और फिर 2020 में पार्टी ने साय को छत्तीसगढ़ भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया। 2022 में भाजपा की राष्ट्रीय कार्य समिति के सदस्य बनाए गए।