भाजपा ने रिकॉर्डतोड़ की वापसी : मंत्री अकबर को विजय शर्मा ने 39 हजार 532 वोट से हराया, पंडरिया में भी भावना बोहरा 26 हजार 396 वोट से जीत दर्ज किया

 



00 पंडरिया में हार-जीत की बनती रहीं स्थिति, 3 राउंड में नीलू आगे रहे, इसके बाद भावना हर राउंड में आगे रहीं, कवर्धा में अधिकतर राउंड में बढ़त बनाकर चल रहे थे विजय 


कवर्धा । कबीरधाम जिले में 2018 विधानसभा चुनाव के बाद एक बार फिर से भाजपा ने रिकॉर्डतोड़ वापसी की है। कवर्धा के वर्तमान विधायक व मंत्री मोहम्मइ अकबर को विजय शर्मा ने 39 हजार 532 वोट से हरा दिया है। इसके अलावा पंडरिया में भी भावना बोहरा ने कांग्रेस प्रत्याशी नीलू शर्मा को 26396 हजार वोट से हराया है। कबीरधाम जिले के दोनों विधानसभा सीट में भाजपा ने रिकॉर्डतोड़ जीत दर्ज कराई है। मंत्री अकबर को कवर्धा विधानसभा में करारी शिकस्त मिली है। क्योंकि, पहले राउंड से लेकर लगभग सभी राउंड में भाजपा के विजय शर्मा ने बढ़त बनाई थी। वहीं पंडरिया में हार-जीत की स्थिति बनती रहीं। शुरूआत के कुछ राउंड में कांग्रेस प्रत्याशी नीलू चन्द्रवंशी ने बढ़त बनाई थी। इसके बाद भावना बोहरा हर राउंड में आगे रहीं। अंतिम राउंड तक भावना बोहरा आगे रही। कबीरधाम जिले के कवर्धा विधानसभा चुनाव में भाजपा ने हिदूत्व के मुद्दे पर ही प्रचार-प्रसार किया था। इसका फायदा भी हुआ है। क्योंकि, मैदानी क्षेत्र में जमकर वोट भाजपा पर पड़े है। इस जीत के बाद विजय शर्मा के कद भी काफी बढ़ गया है। क्योंकि, बीते 2018 का चुनाव मोहम्मद अकबर ने 60 हजार वोटों से जीता था। इस बार उन्हे लगभग 40 हजार वोट से हार का सामना करना पड़ा है। 

जंगल में सबसे ज्यादा हुआ नुकसान 

इस चुनाव में सबसे अलग यह रहा कि कवर्धा विधानसभा क्षेत्र में वनांचल में कांग्रेस काफी पीछे चला है। सुबह 8 बजे के बाद वोटों की गिनती शुरू की गई। शुरूआत में दलदली क्षेत्र के 21 मतदान केन्द्र के वोटों की गिनती शुरू हुई। शुरूआत में ही विजय शर्मा ने बढ़त बना ली थी। स्थिति ऐसी रहीं कि बोड़ला ब्लॉक के वनांचल क्षेत्र में लगभग भाजपा लीड में रहीं है। इसके अलावा 15वें व 16वें राउंड में मोहम्मद अकबर ने करीब 1028 वोट से लीड जरूर लिया था। लेकिन, तब तक 14 राउंड से वे करीब 33 हजार वोट से पीछे चल रहे थे। 

अन्य दल काफी पीछे रहे 

इसी प्रकार इस चुनाव में जिले के दोनों विधानसभा क्षेत्र में अन्य दल काफी पीछे रहे है। मुख्य मुकाबला कांग्रेस व भाजपा के बीच ही रहा है। पंडरिया की बात करे तो यहां शुरूआत में चार पार्टी की ज्यादा चर्चा रहीं। इसमें कांग्रेस, भाजपा व जोगी कांग्रेस, बसपा शामिल है। लेकिन, वोट के मामले में जोगी कांग्रेस व बसपा काफी पीछे रहे। इसी प्रकार कवर्धा विधानसभा में में कांग्रेस, भाजपा के बाद में आम आदमी पार्टी व जोगी कांग्रेस ने अपनी उपस्थिति चुनाव में दर्ज कराई थी। लेकिन, आम आदमी पार्टी व जोगी कांग्रेस मतदाता के पकड़ से दूर रहे। 

शहरी क्षेत्र के वोटरों को प्रभावित नहीं कर सके

इधर, कवर्धा शहर में कांग्रेस को सबसे बड़ी हार मिली है। भाजपा के विजय शर्मा करीब 10 हजार वोट से केवल कवर्धा शहर में आगे रहे। जबकि, कवर्धा नगर पालिका में खुद कांग्रेस का सरकार है। ऐसे में करारी हार सबसे खतरनाक रहीं है। इसके पीछे का प्रमुख कारण कवर्धा शहर में वर्ष 2021 अक्टूबर माह में हुए दंगा को देखा जाता है। क्योंकि, कवर्धा विधानसभा में केवल दंगा व झंडा कांड को लेकर भाजपा ने प्रमुखता से उठाया। वैसे भी कवर्धा शहर भाजपा का प्रमुख गढ़ रहा है। बीते कई बार के विधानसभा चुनाव में कवर्धा शहर से भाजपा लीड में रहते आई है।  

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