3 सांसद बने विधायक, 14 दिनों में संसद से देना होगा इस्तीफा



रायपुर । बिलासपुर लोकसभा सांसद अरूण साव, रायगढ़ लोकसभा सांसद गोमती साय और सरगुजा लोकसभा सांसद रेणुका सिंह ने विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की है। अब ये सांसद से विधायक बनने के लिए तैयार हैं। इनकी जीत के बाद लोगों के मन में कई तरह के सवाल उठ रहे हैं। जैसे- एमएलए बने लोकसभा सदस्य किसे अपने पास रखेंगे और किस पद से इस्तीफा देंगे? खाली होने वाली लोकसभा सीटों पर कितने दिन में उपचुनाव कराना होगा, क्या विधायकी का चुनाव जीतने वाले कर सकेंगे लोकसभा में वापसी, खाली हुई लोकसभा सीटों पर कब होगा चुनाव? तो बता दें कि जो भी लोकसभा सदस्य विधानसभा चुनाव में उतरे और जीत दर्ज की उन सबको तय एमएलए या एमपी में से किसी एक सीट को चुनना होगा। यह काम 14 दिन में करना होगा। नियम यही है। हालांकि, सभी जीते सदस्य पार्टी के आदेश पर ही यह फैसला लेंगे। संविधान के अनुच्छेद 101 (2) के मुताबिक, विधानसभा चुनाव जीतने वाले व्यक्ति को नोटिफि केशन जारी होने के 14 दिन के अंदर एक सदन से इस्तीफ ा देना होगा। अगर कोई लोकसभा का सदस्य, राज्यसभा का सदस्य बन जाता है तो उसे 10 दिनों के अंदर किसी सदन से इस्तीफा देना होगा। संविधान के अनुच्छेद 101 (1) और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम की धारा 68 (1) में यह स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है। दो लोकसभा या दो विधान सभाओं से एक साथ चुनाव लडऩे और जीतने में नोटिफि केशन के 14 दिन के अंदर ठ्ठ शेष पृष्ठ 6 पर

किसी एक सीट से इस्तीफा देने का नियम है। असल में विधानसभा सदस्य के रूप में शपथ होती है। अगर कोई सदस्य लोकसभा सदस्य रहते हुए विधान सभा में शपथ लेता है तो गलत है। 14 दिन वाला कानून लागू हो जाएगा। हालांकि, विधानसभा में शपथ का कोई समय तय नहीं है। लोकसभा अध्यक्ष को सूचना देकर वे शपथ ले सकते हैं लेकिन 14 दिन के अंदर इस्तीफ ा तो देना पड़ेगा अन्यथा खुद ही लोकसभा की सदस्यता समाप्त हो जाएगी। खाली हुई लोकसभा सीट के लिए चुनाव अनिवार्य है, वो भी 6 माह के अंदर। लेकिन देश में लोकसभा चुनाव के कुछ महीने ही बाकी हैं तो नियमानुसार कहीं उपचुनाव नहीं होगा।






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