किसकी बनेगी सरकार: नतीजों से पहले चौक-चौराहों में बना रहे 'सरकार'


- गावों से लेकर शहर तक लोग कर रहे मंथन 

बिलासपुर। मतदान शांतिपूर्ण ढंग से निपटने के बाद अभी गली, मोहल्ले और चौक, चौराहे में सरकार बनने लगी है। सुबह से ही लोगों द्वारा कायस लगाया जा रहा है की कौन जीतेगा और कौन हारेगा किसकी सरकार बनेगी और कौन मुख्मंत्री होगा। ग्रामीण क्षेत्रों में तो किसानों ने मानों तय कर लिया है की सरकार बनने के बाद ही धान बेचेंगे हालांकि जिन किसानों ने धान बेच लिया उनका कर्जमाफी होने पर पैसे वापस हो जाएगा, लेकिन अभी इंतजार करना चाह रहे हैं। दूसरी ओर लोग यह भी दावा कर रहें हैं की यदि भापजा 40 सीटों पर आ जाती है तो जुगाड़ से सरकार बना लेगी इस तरह प्रत्याशियों के साथ ही आम जनता को 3 दिसम्बर का बेसब्री से इतजार है। 


विधानसभा चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से निपट गए अब नतीजो की बेसब्री से प्रतीक्षा की जा रही है। नतीजे हालांकि 3 दिसंबर को आएंगे लेकिन सभी लोगों की जुबान पर अब एक ही चर्चा है कि कौन-कौन जीतेंगे ,किस पार्टी को बहुमत मिलेगा और किसकी सरकार बनेगी। इससे भी आगे बढकऱ उत्साही लोग न केवल रिजल्ट बता रहे हैं बल्कि सरकार किसकी बनेगी और मुख्यमंत्री कौन बनेगा इसका भी दावा करने लगे हैं। कई लोगों द्वारा तो यह भी दावा किया जा रहा की  प्रदेश भाजपा के अध्यक्ष अरुण साव मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं।  इसी तरह पूर्व मुख्यमंत्री डा रमन सिंह को विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने अंदाज लगाया जा रहा है ।


 इस तरह के दावे  में कितन  दम है यह तो 3 दिसंबर को ही पता चलेगा।  दोनों प्रमुख पार्टियां कांग्रेस तथा भाजपा में काफी छटपटाहट तो है लेकिन सरकार बनाने के दावे ही नही कर रहे बल्कि अपनी पार्टी के संभावित विधायको को सुरक्षित रखने की योजना के साथ ही अन्य पार्टी के संभावित कुछ विधायको को पाला बदलवाने की रणनीति भी बना रहे है।  ताकि जीतने वाले  विधायको की संख्या बल के आधार पर बहुमत जुटाने  के लिए ज्यादा मेहनत न करनी पड़े ।


 बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र अंतर्गत आने वाले 8 विधानसभा क्षेत्र की बात करें तो कोई भी विधानसभा ऐसा नहीं है जहां से एक प्रत्याशी की आसानी से जीत का दावा किया जा क्योंकि मुकाबला काफी टक्कर का है । एक आंकड़े के मुताबिक जिले के बेलतरा विधानसभा  क्षेत्र  सर्वाधिक चुनावी खर्च वाला  विधानसभा बन गया है जिसने बिलासपुर को भी पीछे छोड़ दिया है । बेलतरा विधानसभा क्षेत्र के पंच सरपंच, स्व सहायता समूह वाले,पार्टी कार्यकर्ता ,नेता सभी खुश है क्योंकि अधिकांश को मनमाफिक चुनावी खर्च मिलना बताया जा रहा है । सामाजिक संगठनों को भी खुश कर दिया गया है । 


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