-भारी कर्ज में डूबी अनिल अंबानी की कंपनी
-रिलायंस कैपिटल की बिक्री का रास्ता साफ , सरकारी कंपनियों को भारी नुकसान
मुंबई। भारी कर्ज में डूबी अनिल अंबानी की कंपनी रिलायंस कैपिटल की बिक्री का रास्ता साफ हो गया है। रिजर्व बैंक ने रिलायंस कैपिटल के लिए हिंदुजा ग्रुप की कंपनी इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स लिमिटेड के रिजॉल्यूशन प्लान को भी मंजूरी दे दी है। साथ ही हिंदुजा समूह के पांच प्रतिनिधियों को रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल में शामिल करने की योजना पर भी मुहर लगा दी गई है।
अप्रैल में दूसरे दौर की नीलामी में रिलायंस कैपिटल का अधिग्रहण करने के लिए हिंदुजा समूह ने सबसे अधिक 9,650 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। हिंदुजा ग्रुप के ऑफर और रिलायंस कैपिटल के कैश बैलेंस को देखते हुए करीब 10,000 करोड़ रुपये की रिकवरी की उम्मीद है। इसका मतलब यह है कि कंपनी को कर्ज देने वाले बैंकों को निश्चित रूप से भारी नुकसान होगा। इसमें एलआईसी और ईपीएफओ भी शामिल हैं।
20 वित्तीय सेवा कंपनियाँ
एक गैर-बैंकिंग वित्त कंपनी होने के अलावा, रिलायंस कैपिटल अनिल अंबानी के वित्तीय सेवा व्यवसाय की होल्डिंग कंपनी थी। रिलायंस कैपिटल के पास करीब 20 वित्तीय सेवा कंपनियां हैं। इनमें सिक्योरिटीज ब्रोकिंग, बीमा और एआरसी शामिल हैं।
रिजर्व बैंक ने 30 नवंबर, 2021 को रिलायंस कैपिटल के निदेशक मंडल को भंग कर दिया था और उसके खिलाफ दिवालिया कार्यवाही शुरू की थी। इसके अलावा आरबीआई ने नागेश्वर राव वाई को भी प्रशासक नियुक्त किया है। पहले दौर में टोरेंट इन्वेस्टमेंट्स ने रिलायंस कैपिटल के लिए 8,640 करोड़ रुपये की सबसे ऊंची बोली लगाई थी। लेकिन दूसरे राउंड में हिंदुजा ग्रुप ने सबसे ऊंची बोली लगाई थी। लेकिन टोरेंट ने इसे चुनौती दी।
एलआईसी, ईपीएफओ से ऋण
फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है और इसलिए एनसीएलटी ने आईआईएचएल के समाधान योजना को मंजूरी नहीं दी है। इस मामले में अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। लेकिन जिन बैंकों ने रिलायंस कैपिटल को लोन दिया उन्हें निश्चित तौर पर भारी नुकसान होगा। उन्हें अपने लोन की रकम का सिर्फ 43 फीसदी ही मिल पाता है। कंपनी के लिए हिंदुजा ग्रुप ने 9,650 करोड़ रुपये की बोली लगाई है। साथ ही कंपनी के पास करीब 400 करोड़ रुपये का कैश बैलेंस है। हिंदुजा के ऑफर और कंपनी के कैश बैलेंस को देखते हुए सिर्फ 10,050 करोड़ रुपये की रिकवरी की उम्मीद है।
सितंबर 2021 में, रिलायंस कैपिटल ने अपने शेयरधारकों को बताया कि कंपनी पर 40,000 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है। प्रशासक ने वित्तीय ऋणदाताओं के 23,666 दावों का सत्यापन किया है। इस प्रकार, ऋणदाताओं को उनकी कुल ऋण राशि का केवल 43 प्रतिशत ही मिल पाता है। एलआईसी पर रिलायंस कैपिटल का करीब 3,400 करोड़ रुपये का कर्ज है। इसी तरह ईपीएफओ ने रिलायंस कैपिटल के बॉन्ड प्रोग्राम में 2,500 करोड़ रुपये का निवेश किया। इस तरह एलआईसी को करीब 1,460 करोड़ रुपये और ईपीएफओ को करीब 1,075 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है।
निवल मूल्य शून्य
अनिल अंबानी को एक समय देश के दिग्गज बिजनेसमैन के रूप में देखा जाता था। 2007 में फोब्र्स इंडिया द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के अनुसार, अनिल अंबानी की संपत्ति 45 बिलियन डॉलर थी और उस समय वह देश के तीसरे सबसे अमीर व्यक्ति थे। 2007-08 में, जब उनके बड़े भाई मुकेश अंबानी ने अपनी पत्नी नीता को 250 करोड़ रुपये का कॉर्पोरेट जेट उपहार में दिया, तो अनिल अंबानी ने पत्नी टीना अंबानी के लिए 400 करोड़ रुपये का सुपर लक्जरी नौका खरीदा। लेकिन उनकी किस्मत बदल गई और आज अनिल अंबानी की संपत्ति शून्य हो गई है। जिन लोगों ने उनकी कंपनियों में निवेश किया, वे भी संकट में हैं।