सरकार नया कानून बनाने की तैयारी मे, ऐसे मामलों में अब रेप नहीं प्रताडऩा माना जाएगा



-एक रिपोर्ट तैयार की है और इस संबंध में एक विधेयक भी पेश किया जा सकता है।

नई दिल्ली। भारतीय न्यायपालिका संहिता के तहत, किसी महिला से शादी करना या किसी महिला के साथ संबंध स्थापित करना, यह तथ्य छिपाकर कि वह शादीशुदा है या अपनी असली पहचान छिपाकर स्थापित करना अपराध होगा। भारतीय न्यायपालिका संहिता की धारा 69 के अनुसार, ऐसा करना यातना के समान होगा और ऐसे मामलों में 10 साल तक की सज़ा हो सकती है।


विधान संबंधी संसदीय समिति ने इस संबंध में एक रिपोर्ट तैयार की है और इस संबंध में एक विधेयक भी पेश किया जा सकता है। इसके मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति शादी करने या संबंध स्थापित करने के लिए अपनी पहचान छुपाता है तो इसे रेप नहीं, बल्कि प्रताडऩा माना जाएगा।


ऐसे मामलों में 10 साल तक की सजा का प्रावधान करने की तैयारी चल रही है। महत्वपूर्ण बात यह है कि यह धारा स्पष्ट करती है कि रोजगार, पदोन्नति या शादी के वादे के साथ पहचान छिपाकर शादी करना उत्पीडऩ माना जाएगा। भारतीय न्यायिक संहिता विधेयक पर स्थायी समिति की मसौदा रिपोर्ट शुक्रवार को सौंपी जाएगी।


दरअसल, अपनी पहचान छिपाकर, अपना धर्म छिपाकर या अपनी शादी छिपाकर किसी महिला से शादी करना और फिर उसे परेशान करना। पिछले कुछ वर्षों में कई प्रकार सामने आए हैं। लेकिन अब, यह पहली बार होने जा रहा है कि पहचान छिपाकर की गई शादी को अपराध माना जाएगा और उस पर अलग से मुकदमा चलाया जाएगा।


दिलचस्प बात यह है कि पुलिस इस उलझन में थी कि ऐसे मामलों से कैसे निपटा जाए। लेकिन अब जब इस संबंध में कानून बन गया है तो यह स्पष्ट हो जाएगा कि ऐसे मामलों से कैसे निपटा जाना चाहिए।

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