नई दिल्ली। भारत के भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) और राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) द्वारा जारी की गई जानकारी के अनुसार, पिछले 4 वर्षों में लगभग 5.2 करोड़ लोगों को नौकरियां दी गई हैं। इन संगठनों से मांगी गई जानकारी के आधार पर केंद्र सरकार हर महीने कार्यरत कर्मचारियों के आंकड़े जारी करती है।
नेशनल पेंशन सिस्टम के आंकड़ों के मुताबिक, इन चार सालों में 8.24 लाख नए लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया। इसमें राज्य सरकार के कर्मचारियों की संख्या 4.64 लाख और निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की संख्या 2.20 लाख है जबकि केंद्र सरकार के कर्मचारियों की संख्या 1.29 लाख है। चार साल में 31 लाख नए लोगों ने रजिस्ट्रेशन कराया।
4.86 करोड़ फ्रेशर्स को मौका मिला
सामने आए आंकड़ों के मुताबिक, 2020 से 2023 तक चार साल में 4.86 करोड़ लोग ईपीएफ से जुड़े हैं। फ्रेशर्स या फ्रेशर्स की संख्या 2.27 करोड़ है। यह रकम कुल आंकड़ों के 47 फीसदी के बराबर है। पिछले चार साल में दूसरी बार नौकरी से जुडऩे या ईपीएफओ योजना से दोबारा जुडऩे वालों की संख्या 2.17 करोड़ है।
नौकरी बनाये रखने की प्रवृत्ति
ईपीएफओ के मुताबिक चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में योजना में दूसरी बार शामिल होने वालों की संख्या में गिरावट आई है। लोगों में काम को हाथ में रखने की प्रवृत्ति होती है।
असमानता कम होगी
ईपीएफओ ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत भर्ती की गई बैंक सखियों को बैंकों के प्रतिनिधि के रूप में नियुक्त करने की सिफारिश की थी। महिला और पुरुष कर्मचारियों के बीच असमानता को कम करने के लिए बैंक प्रतिनिधियों की भर्ती करते समय महिलाओं के लिए 30 प्रतिशत सीटें आरक्षित करना अनिवार्य करने पर विचार किया जा सकता है। वर्तमान में सदस्यों में महिलाओं का अनुपात 27 प्रतिशत है।