नई दिल्ली। भारत में आयोजित 2 दिवसीय जी20 शिखर सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हो गया है। भारत की मेहमाननवाजी देखकर विदेशी नेता खुश हो गए। भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन रहा है। इस बात को विश्व बैंक से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) समेत कई अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने स्वीकार कर लिया है। जी-20 में भारत द्वारा रखे गए प्रस्ताव को सदस्य देशों ने एक के बाद एक स्वीकार कर लिया। इतना ही नहीं बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक सपने पर भी मुहर लगी।
2047 तक भारत एक विकसित देश बन जायेगा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर जो सपना देखा है। जिसका जिक्र वो खुद और उनके साथी मंत्री अक्सर करते रहते हैं। 2047 तक भारत दुनिया के विकसित देशों की सूची में पहुंचना चाहता है। इसके साथ ही भारत अगले 5-6 साल में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर उभरना चाहता है। वर्तमान समय में अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। प्रधानमंत्री मोदी के इस सपने पर वैश्विक संगठनों ने भी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है।
जी-20 देशों की बैठक में हिस्सा लेने आईं आईएमएफ की उप प्रबंध निदेशक गीता गोपीनाथ ने कहा कि वैश्विक विकास इंजन के रूप में भारत की भूमिका को नकारा नहीं जा सकता। भारत 2027-28 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।
भविष्य में भारत का वैश्विक विकास अहम भूमिका निभाएगा। वैश्विक विकास में भारत का योगदान 15 फीसदी तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा, लेकिन इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए उन्हें श्रम बाजार में सुधार, कारोबार करने में आसानी, शिक्षा की गुणवत्ता, महिलाओं के सशक्तिकरण पर विशेष जोर देना होगा।
वहीं, भारत को लेकर जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, उनकी विश्वसनीयता पर संदेह करने का कोई कारण नहीं है। भारत की अर्थव्यवस्था संतोषजनक ढंग से आगे बढ़ रही है। चालू वित्त वर्ष में 6 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर के अनुमान के साथ, विकास के उच्च स्तर को बनाए रखने और निजी निवेश को आकर्षित करने के लिए संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता है। भारत के इस प्रगतिशील लक्ष्य की न केवल आईएमएफ बल्कि दुनिया के कई संगठनों ने भी सराहना की है।
इस बीच अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने पहले ही भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर भविष्यवाणी कर दी है। इसके मुताबिक, भारत 2027 तक जापान और जर्मनी जैसे देशों को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है। 2014 में भारतीय अर्थव्यवस्था 10वें स्थान पर थी। जो आज पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। कोरोना काल में जब दुनिया के तमाम देशों की अर्थव्यवस्थाएं खस्ताहाल थीं, तब भारतीय अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ रही थी।
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