50 प्रतिशत राज्य विधानसभाओं की मंजूरी की आवश्यकता है; महिला आरक्षण बिल पर आज लंबी चर्चा



नई दिल्ली। संसद के विशेष सत्र का आज तीसरा दिन है। सरकार ने महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने वाले संविधान संशोधन विधेयक को संसद के दोनों सदनों लोकसभा और राज्यसभा में पारित कराने की तैयारी पूरी कर ली है। लोकसभा में आज 'नारी शक्ति वंदन बिल पर लंबी चर्चा होगी।


महिला आरक्षण बिल पर आज सत्ता पक्ष और विपक्ष महिला आरक्षण बिल पर अपनी-अपनी बात रखेंगे। महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के लिए आज कांग्रेस सदस्य सोनिया गांधी कांग्रेस पार्टी की मुख्य वक्ता होंगी। इस बीच, केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी, भारती पवार और अपराजिता सारंगी लोकसभा में सरकार की ओर से बोलेंगे और संसद में सरकार का प्रतिनिधित्व करेंगे।


महिलाओं को आरक्षण प्रदान करने वाला संविधान संशोधन विधेयक संसद द्वारा पारित होने और कानून बनने से पहले, विधेयक को 50प्रतिशत राज्य विधानसभाओं की मंजूरी की आवश्यकता है। संविधान संशोधन विधेयक होने के कारण अनुच्छेद 368 के तहत ऐसा करना अनिवार्य है। 


नई जनगणना के बाद निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्गठन करके ही महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा। ऐसे प्रावधानों को 128वें संविधान संशोधन विधेयक में शामिल किया गया था। पहले जनगणना होगी फिर परिसीमन आयोग बनेगा। उस आयोग की रिपोर्ट के बाद सीटों की संख्या बढ़ जायेगी।


बिल में क्या है?


543 सदस्यीय लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या 78 से बढ़कर 181 हो जाएगी। साथ ही विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी सीटें आरक्षित की जाएंगी। विधेयक में 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा। महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों में अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए भी आरक्षण होगा।

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