नई दिल्ली। ज्योति सुरेखा वेन्नम, अदिति स्वामी और परनीत कौर ने विश्व तीरंदाजी चैम्पियनशिप में भारत के लिए पहला स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने महिला कंपाउंड टीम गु्रप के फाइनल में मेक्सिको को 235-229 से हराया। इससे पहले भारत ने इस टूर्नामेंट में 9 रजत और 2 कांस्य पदक जीते थे।
जर्मनी के बर्लिन में खेले जा रहे टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में भारतीय महिला टीम ने कोलंबिया को 220-216 से हराया। तीरंदाजी चैंपियनशिप चार साल में एक बार आयोजित की जाती है। ओलिंपिक क्वालिफिकेशन के लिए भी कोटा होता है।
ज्योति सुरेखा वेन्नम का जन्म 3 जुलाई 1996 को दक्षिण भारतीय शहर विजयवाड़ा में हुआ था। वह बचपन से ही एक एथलीट बनना चाहती थीं। वह दुनिया में 12वें स्थान पर हैं और उन्हें अर्जुन पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है। उनके पिता एक पूर्व कबड्डी खिलाड़ी हैं और अब विजयवाड़ा में पशु चिकित्सक हैं और माँ एक गृहिणी हैं।
ज्योति ने चार साल की उम्र में कृष्णा नदी को तीन घंटे, 20 मिनट और छह सेकंड में तीन बार 5 किमी की दूरी पार करके लिम्का बुक ऑफ रिकॉड्र्स में अपना नाम दर्ज कराया। ज्योति ने अपनी स्कूली शिक्षा और इंटरमीडिएट की पढ़ाई नालंदा इंस्टीट्यूट से पूरी की।
16 वर्षीय अदिति ने पिछले महीने कोलंबिया में आयोजित तीरंदाजी विश्व कप में कंपाउंड महिला वर्ग में अंडर-18 विश्व रिकॉर्ड तोड़ा था। उसने 720 में से कुल 711 अंक हासिल किए और 705 अंकों के पिछले विश्व रिकॉर्ड को पीछे छोड़ दिया। पटियाला की परनीत कौर के पिता अवतार, जो सनूर में एक सरकारी शिक्षक हैं, ने परनीत को शौक के तौर पर खेल अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया।