उत्तर बस्तर कांकेर : राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का किया गया शुभारंभ



जिले में 01 से 19 साल तक के 2,95,148 बच्चों और किशोर-किशोरियों को खिलाई जायेगी एल्बेंडाजोल की गोली


उत्तर बस्तर कांकेर । जिले में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का जिला स्तरीय शुभारम्भ जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री हेमंत कुमार ध्रुव, जिला पंचायत कृषि सभापति श्री नरोत्तम पाटोडी एवं अलबेलापारा के पार्षद श्रीमती उगेश्वरी उइके के द्वारा गत दिवस प्राथमिक शाला अलबेलापारा मे बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिला कर किया गया। जिले में 01 से 19 वर्ष तक के 02 लाख 95 हजार 148 बच्चों और किशोर-किशोरियों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। विकासखण्ड अंतागढ़ में 30808, भानुप्रतापुर में 37413, चारामा में 41955, धनेलीकन्हार में 48729, दुर्गुकोंदल में 25337, नरहरपुर में 43517 और विकासखण्ड कोयलीबेड़ा में 67389 बच्चों को कृमि मुक्ति के दवा खिलाई जाएगी।

उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के अंतर्गत सरकार द्वारा वर्ष में दो बार कृमि संक्रमण और उससे सम्बंधित रोगों की रोकथाम के लिए किया जाता है। इस कार्यक्रम में 1 से 19 वर्ष के सभी बच्चों और किशोरों-किशोरियो को स्कूल, तकनीकी संस्थानों और आंगनबाड़ी के माध्यम से डिवर्मिंग दवा एल्बेंडाजॉल खिला कर कृमि मुक्त किया जाता है।

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अविनाश खरे ने बताया कि कृमि वह परजीवी हैं जो मनुष्य के आंत में रहते हैं और जीवित रहने के लिए मानव शरीर के जरूरी पोषक तत्व को खाते हैं । कृमि संक्रमण भारत में एक प्रमुख जन स्वास्थ्य समस्या है और ये बच्चों और किशोरों की शारीरिक, मानसिक और शैक्षणिक विकास पर हानिकारक प्रभाव डालते हैं। इनसे एनीमिया और कुपोषण का भी खतरा है । नियमित डिवर्मिंग बच्चों और किशोरों में कृमि के संक्रमण को समाप्त कर, उनके शारीरिक और संज्ञानात्मक विकास में योगदान कर सकता है और साथ ही जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है।

 एल्बेंडाजोल डब्ल्यू.एच.ओ द्वारा अनुमोदित दवा है जिसका उपयोग पूरे विश्व में बच्चों और किशोरों में आंत के कृमि संक्रमण को रोकने के लिए किया जाता है। भारत में इसका उपयोग सभी फाइलेरिया प्रभावित राज्यों और जिलों में “फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम” में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के तहत किया जाता है। एल्बेंडाजोल टेबलेट सेवन के उपरांत कुछ बच्चों को हल्के पेट दर्द, उल्टी, जी मिचलना दस्त और थकान का अनुभव हो सकता है। 

ये दुष्प्रभाव आमतौर पर अस्थायी होते हैं और इन्हें आसानी से संभाला जा सकता है। चोकिंग दवाई का गले में अटकना एल्बेंडाजोल का साइड इफेक्ट नहीं है और यह तब होता है, जब टैबलेट को ठीक से चबाया या चूरा ना किया हो। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के दौरान किसी भी प्रतिकूल घटनाओं के प्रबंधन के लिए जिले में सशक्त आपातकालीन सहायता दल तैयार किया गया है।

 उन्होंने पालकों से सभी बच्चों और किशोर-किशोरियों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाने की अपील करते हुए कहा कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग के नेतृत्व में महिला एवं बाल विकास विभाग और शिक्षा विभाग के सक्रिय सहयोग से राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम चलाया जा रहा है तथा मॉप अप दिवस 17 अगस्त को आयोजित किया जाएगा। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने कार्यक्रम में शामिल सभी प्रथम सेवा प्रदाताओं को डिजिटल माध्यम से प्रशिक्षित किया है, जिससे जिले में आयोजन होने वाले डिवर्मिंग कार्यक्रम की सफलता सुनिश्चित किया जा सके।

 डॉ. खरे ने माता-पिता और अभिभावकों से अनुरोध किया है कि वे स्वयं सुरक्षा दिशा निर्देशों का पालन करते हुए कृमि मुक्ति कार्यक्रम के दौरान प्रथम सेवा प्रदाताओं को अपना पूरा सहयोग प्रदान करें। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के प्रचार-प्रसार हेतु प्रचार रथ के माध्यम से जिले के सभी विकासखंडो मे जनमानस को कृमि मुक्ति दिवस के बारे मे जागरूक किया जा रहा है जिससे अधिक से अधिक बच्चों को इसका लाभ मिल सके, साथ ही मुख्य चौक एवं चौराहों में होर्डिंग के माध्यम से वृहद रूप से प्रचार-प्रसार किया जा रहा है।


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