भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की बैठक तथा छत्तीसगढ़ एवं मध्यप्रदेश के कृषि विज्ञान केन्द्रों की कार्यशाला में शामिल हुए कुलपति डॉ. चंदेल



छत्तीसगढ़ सरकार तथा कृषि विश्वविद्यालय द्वारा संचालित योजनाओं एवं उपलब्धियों की जानकारी दी

रायपुर ।  इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. गिरीश चंदेल केन्द्रीय कृषि अभियांत्रिकी अनुसंधान केन्द्र, भोपाल में आयोजित मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ के कृषि विज्ञान केन्द्रों की क्षेत्रीय कार्यशाला में विशिष्ट अतिथि के रूप में शामिल हुए कार्यशाला में डॉ. चंदेल ने छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किसानों के हित में संचालित राजीव गांधी किसान न्याय योजना, छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना, भूमि हीन कृषक योजना, के साथ-साथ राज्य सरकार द्वारा किसानों से विभिन्न फसलों के समर्थन मूल्य पर उपार्जन के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के अंतर्गत संचालित समस्त कृषि विज्ञान केन्द्रों द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही योजनाओं तथा गतिविधियों के बारे में भी जानकारी दी।

    डॉ. चंदेल इस अवसर पर आयोजित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद की 27वीं बैठक में भी शामिल हुए। इस बैठक की अध्यक्षता डॉ. हिमांशु पाठक, सचिव (डेयर) एवं महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली द्वारा की गई। इस बैठक में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र एवं गोवा के कृषि विश्वविद्यालय के कुलपतिगण, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के समस्त उप महानिदेशकगण एवं इन 04 राज्यों के भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के शिक्षा, अनुसंधान संस्थानों के निदेशकगण ने भाग लिए। इस बैठक में इन 04 राज्यों के कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन आदि क्षेत्रों में वहां की समस्याओं के बारे में कृषकों से विचार-विमर्श किया गया। 

इस बैठक में 04 राज्यों के कृषि विभाग, उद्यानिकी विभाग, पशुपालन विभाग एवं मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों से किसानों की समस्याओं का विवरण लिया गया ताकि कृषकों के समस्याओं के समाधान के लिए अनसुंधान प्रारंभ किया जा सके। इस बैठक में छत्तीसगढ़ की ओर से डॉ. गिरीश चंदेल, कुलपति, डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी, संचालक अनुसंधान सेवायें, डॉ. अजय वर्मा, निदेशक विस्तार सेवायें, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर, श्री माथेश्वरन व्ही., संचालक उद्यानिकी एवं प्रक्षेत्र वानिकी विभाग एवं श्री बिजनौरिया, उप संचालक कृषि, छत्तीसगढ़ शासन ने भाग लिए।


 इस बैठक में डॉ. चंदेल ने विश्वविद्यालय की शिक्षा, अनसुंधान एवं प्रसार की गतिविधियों का विवरण प्रस्तुत किया तथा राज्य की अनुसंधान की आवश्यकताओं पर प्रकाश डाला। डॉ. चंदेल ने होम साईंस, एनर्जीइन एग्रीकल्चर, प्लास्टीकल्चर इंजीनियरिंग, कपास, तिल एवं नाईजर, बायोफर्टीलाईजर, ठण्डी जलवायु के फल एवं कीटनाशक, अवशेष परीक्षण जैसे 12 अनुसंधान परियोजनाओं को छत्तीसगढ़ में स्वीकृत करने की मांग की।

 ये अनुसंधान परियोजनाएं छत्तीसगढ़ के विभिन्न अनुसंधान केन्द्रों में लागू की जाएगी। मूंगफली, उष्णकटीबंधीय फल, फूल, गन्ना, प्याज एवं बायोकन्ट्रोल की तदर्थ अनुसंधान परियोजना को नियमित करने एवं वैज्ञानिकों के पदों की स्वीकृति की मांग की। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर द्वारा प्रदेश के नव गठित जिलों सारंगढ़-बिलाईगढ़, मानपुर-मोहला-अम्बागढ़चौकी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही, खैरागढ़-छुईखदान-गण्डई एवं शक्ति में कृषि विज्ञान केन्द्र के स्थापना हेतु प्रस्ताव भारत सरकार को भेजे गए हैं। इस बैठक में उपस्थित डॉ. हिमांशु पाठक, महानिदेशक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा नवीन कृषि विज्ञान केन्द्रों एवं नवीन अनुसंधान परियोजनाओं की स्वीकृति का आवश्वासन दिया गया।

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