बड़ी खबर! सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की सजा पर रोक लगाई



-राहुल गांधी को हाई कोर्ट से नहीं मिली राहत

नई दिल्ली। मोदी सरनेम की मानहानि के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दो साल की सजा हुई है और उन्हें अपनी संसदीय सीट गंवानी पड़ी है। साथ ही वह अगले सात साल तक चुनाव नहीं लड़ सकेंगे। अब सुप्रीम कोर्ट ने इस पर राहत दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आपराधिक मानहानि मामले में सजा पर रोक लगा दी गई है। इस वजह से राहुल गांधी दोबारा सांसद बनेंगे।

इसके खिलाफ  राहुल गांधी को हाई कोर्ट में राहत नहीं मिली तो वह सुप्रीम कोर्ट गए। इस याचिका पर आज सुनवाई हुई। इसमें सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है कि सजा इससे कम भी हो सकती थी। सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी के खिलाफ  दलील देने वाले शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी के वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी को फटकार लगाई है। सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को अधिकतम सज़ा देने के पीछे क्या कारण बताए? कम सज़ा दी जा सकती थी। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि लोकसभा क्षेत्र के लोगों के अधिकार बरकरार रहेंगे।



साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि सूरत कोर्ट के जज को बताना होगा कि उन्होंने ज्यादा सजा क्यों दी। राहुल गांधी की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस की। शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने बहस की। राहुल की याचिका पर जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और प्रशांत कुमार मिश्रा की पीठ के समक्ष सुनवाई हुई। कोर्ट ने दोनों पक्षों को 15 मिनट का समय दिया था।


सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि यह मामला किसी व्यक्ति के अधिकारों के बारे में नहीं है बल्कि एक सांसद सदस्य के अधिकारों के बारे में है। सेशन कोर्ट के जज को यह भी बताना होगा कि उन्होंने अधिकतम सज़ा क्यों दी है। जज ने अपने फैसले में इस पर कुछ नहीं कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर राहुल को 1 साल 11 महीने की सजा सुनाई गई होती तो वह सांसद के रूप में अयोग्य नहीं होते।


सत्य की जीत हुई है। कोर्ट से हमें न्याय मिला। बीजेपी ने साजिश रची। कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी ने प्रतिक्रिया दी है कि कितने भी बादल क्यों न हों, सूरज को उगने से नहीं रोका जा सकता.


राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि मामले में सूरत सेशन कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी पाया था. इसके साथ ही उन्हें दो साल की सजा भी सुनाई गई. इसके बाद राहुल ने गुजरात हाई कोर्ट में याचिका दायर कर निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाने की मांग की. वहां वे असफल हो गये थे. याचिका खारिज होने के बाद राहुल ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ केस दायर किया है. ट्रायल कोर्ट ने राहुल को जमानत दे दी थी लेकिन उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

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