’मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना ’ : पर्यावरण संरक्षण के साथ होगा मृदा संरक्षण



  •  बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक वृक्षारोपण को मिलेगा बढ़ावा
  • किसानों की आय में होगी बढ़ोत्तरी
  • रैली फॉर रिवर्स अभियान द्वारा की जा चुकी सराहना

रायपुर। छत्तीसगढ़ में किसानों की आय में बढ़ोत्तरी और पर्यावरण सुधार के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना‘ प्रारंभ की गई है। इसका क्रियान्वयन वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग द्वारा किया जा रहा है। इसकी सराहना ’रैली फॉर रिवर्स ’ अभियान द्वारा की जा चुकी है। ’रैली फॉर रिवर्स ’ ने ट्वीट में लिखा है कि वाणिज्यिक वृक्षारोपण के जरिए किसानो की आमदनी में बढ़ोत्तरी के लिए राज्य सरकार की यह एक अद्भुत पहल है।

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ में प्रारंभ की गई ‘मुख्यमंत्री वृ़क्ष संपदा योजना‘ बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देने का राष्ट्रीय स्तर पर पहला बड़ा अभियान है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर 21 मार्च को इस योजना का शुभारंभ किया। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर ने बताया कि इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ में पांच वर्षों में एक लाख 80 हजार एकड़ निजी भूमि में चिन्हित प्रजातियों के 15 करोड़ वृक्ष लगाने का लक्ष्य है।

अब तक प्रदेश के 23 हजार 600 किसानों ने 36 हजार 230 एकड़ जमीन पर वाणिज्यिक वृक्षारोपण के लिए पंजीयन कराया है। इस योजना के माध्यम से किसानों को सालाना प्रति एकड़ 15 से 50 हजार रूपए तक की आय होने का अनुमान है। इसके अलावा कार्बन क्रेडिट के माध्यम से भी किसानों को आमदनी होगी। इस योजना में पांच एकड़ में वाणिज्यिक वृक्षारोपण करने वाले हितग्राहियों को शत-प्रतिशत अनुदान तथा पांच एकड़ से अधिक वृक्षारोपण करने वाले हितग्राहियों को 50 प्रतिशत अनुदान देने का प्रावधान है। ‘मुख्यमंत्री वृक्ष संपदा योजना‘ में पहली बार चिन्हित प्रजातियों के वृक्षों के न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी की गारंटी भी दी गई है।

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