नई दिल्ली। भारत और इसरो के अंतरिक्ष अन्वेषण के इतिहास में एक ऐतिहासिक क्षण आखिरकार आज साकार हो गया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन चंद्रयान-3 को आज बड़ी सफलता हासिल हुई। चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर आज निर्धारित समय पर शाम 6:40 बजे चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित उतरा और इसरो वैज्ञानिकों सहित लाखों भारतीयों ने एक स्वर में खुशी मनाई।
साल 2019 में भारत का चंद्रयान-2 मिशन आखिरी वक्त पर फेल हो गया और इस्त्रो समेत देशवासियों को निराशा हाथ लगी। लेकिन इस असफलता से न थकते हुए इसरो वैज्ञानिकों ने और अधिक प्रयास किया और चंद्रयान-3 मिशन की योजना बनाई।
इस बीच, 14 जुलाई, 2023 को चंद्रयान-3 चंद्रमा की ओर सफलतापूर्वक लॉन्च हुआ। इसके बाद चंद्रयान-3 एक-एक चरण पार करते हुए चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर गया। आखिरकार आज शाम 6:04 बजे चंद्रयान-3 का विक्रम लैंडर चंद्रमा की सतह की ओर एक अलग छलांग लगाने के बाद चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक उतर गया। इसके साथ ही एक नया इतिहास रचा गया। भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडर उतारने वाला पहला देश बन गया है। रूस, अमेरिका और चीन के बाद यह चंद्रमा पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बन गया है।
चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के शोधकर्ताओं समेत देशवासियों को बधाई दी। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हम धरती को मां और चंद्रमा को मां कहते हैं। इसलिए 'चंदामामा दूर केÓ मुहावरा हमारे बीच लोकप्रिय है। लेकिन अब इसे बदलकर चंदामामा टूक के करना होगा, उन्होंने इस सफलता पर खुशी जाहिर की। साथ ही, अगले दौर में भारत गगनयान, आदित्य-1 और शुक्र मिशन की भी योजना बनाई गई।