नई दिल्ली। बीजेपी की 22 महिला सांसदों ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर संसद में फ्लाइंग किस देने का आरोप लगाया है। बीजेपी नेताओं ने कहा है कि इससे राहुल गांधी का असली चरित्र सामने आ गया है। लेकिन बीजेपी सांसद हेमा मालिनी ने स्मृति ईरानी के दावे को खारिज करते हुए कहा कि संसद में ऐसा कुछ नहीं हुआ।
कांग्रेस का कहना है
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी ने किसी को फ्लाइंग किस नहीं दिया है। उसके हाथ से कुछ दस्तावेज गिर गये थे। जब वह उन्हें उठा रही होगी तो उनके हाथों को देखकर ऐसा लगा होगा। साथ ही बीजेपी सरकार राहुल गांधी को संसद में नहीं देखना चाहती है।
मणिपुर में शांति स्थापित होनी चाहिए
मणिपुर में महिलाओं के खिलाफ हिंसा बहुत दर्दनाक है। सरकार को तुरंत ध्यान देकर वहां शांति स्थापित करने की पहल करनी चाहिए। वहां हिंसा रुकनी चाहिए, महिलाओं के लिए सुरक्षित माहौल बनना चाहिए। मणिपुर भले ही एक छोटा राज्य है, लेकिन यह देश का अभिन्न अंग है। सरकार को राजनीति को किनारे रख कर वहां शांति स्थापित करनी चाहिए।
किसी प्रधानमंत्री को हटाना कोई आसान काम नहीं है
केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों की बड़े पैमाने पर मदद की। इसीलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की 140 करोड़ जनता के दिल में हैं। विपक्ष चाहे कितनी भी कोशिश कर ले, मोदी का कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता। इन्हें हटाना आसान नहीं है। जनता दल, राष्ट्रीय जनता दल में केवल वंशवाद को प्राथमिकता दी जाती है, इसलिए मैं उन्हें राम-राम मारता हूं।
वे जानते हैं कि इसका कोई फायदा नहीं है, फिर भी
उन्हें भी पता है कि विपक्ष द्वारा लाया गया अविश्वास प्रस्ताव बेबुनियाद है। 2018 में भी चुनाव से एक साल पहले विपक्ष ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था। इस बार भी ऐसा ही हुआ है। विरोधियों को लगता है कि चुनाव से पहले अविश्वास प्रस्ताव लाने से उन्हें आने वाले चुनाव में फायदा होगा, लेकिन ये नामुमकिन है।
आज मणिपुर जल रहा है, कल पूरा उत्तर पूर्व जलेगा
मणिपुर की स्थिति बहुत चिंताजनक है। आप मणिपुर मुद्दे को हल्के में नहीं ले सकते। सरकार को अभी तक इसकी गंभीरता का एहसास नहीं हुआ है। हम वहां की स्थिति देखने आये हैं। आज मणिपुर जल रहा है, कल मिजोरम जलेगा, परसों नागालैंड जलेगा और इसका असर पूरे उत्तर पूर्व भारत पर पड़ेगा।
डबल इंजन सरकार फेल हो गई
जब मणिपुर तीन महीने से जल रहा है तो केंद्र सरकार इतनी शांत क्यों है? वहां की समस्या को सुलझाने की पहल क्यों नहीं करती। मणिपुर में डबल इंजन सरकार स्थिति को संभालने में विफल रही है। जब सरकारी शस्त्रागार से हथियार चोरी हो रहे हैं तो राज्य सरकार क्या कर रही है? केंद्र ने भी इसे नजरअंदाज किया और इस पर पर्दा डालने की कोशिश की।
जब अदालत हस्तक्षेप करे तब भी जागें
मणिपुर में हिंसा रोकने में सरकार इतनी नाकाम रही कि कोर्ट को दखल देना पड़ा। क्या यह आपके लिए शर्मनाक नहीं है? अब तो जाग जाओ। तीन महीने से हत्या, बलात्कार और हिंसा हो रही है। हालांकि मणिपुर में उसकी आबादी से ज्यादा सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं, लेकिन स्थिति पर काबू नहीं पाया जा सका है।