इंफाल। मणिपुर की घटना को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। कारगिल में देश की रक्षा के लिए लड़े लेकिन अब रिटायरमेंट के बाद पत्नी की रक्षा नहीं कर सके। पूर्व सैनिक ने अपने साथ हुई घटना पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि भीड़ ने एक महिला के कपड़े उतारकर जो किया उसके बारे में उन्होंने सोचा भी नहीं। मणिपुर में 2 महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क से घुमाया गया। इस घटना के बाद देशभर में गुस्से की लहर फैल गई। इस मामले में मुख्य आरोपी समेत 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
मणिपुर की घटना में 3 में से 2 महिलाओं को नग्न कर सड़कों पर घुमाया गया। एफआईआर में उल्लेख है कि तीसरी महिला को कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया था लेकिन वह वीडियो में नहीं दिखाई दे रही है। भारतीय सेना में सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त महिला के पति जिन्होंने कारगिल युद्ध भी लड़ा था।
मणिपुर की हिंसा ने उनके घरों, उनकी संपत्ति और अब उनकी गरिमा को खो दिया है। मैंने युद्ध देखा है। कारगिल में लड़ाई लड़ी है। लेकिन अब मुझे लगता है कि मेरा अपना राज्य युद्ध के मैदान से भी ज्यादा खतरनाक है, ऐसा सेवानिवृत्त सैनिक ने कहा है।
गुस्से के बाद मानसिक तनाव में महिला
42 वर्षीय महिला ने कहा, हम दोनों को हजारों पुरुषों के सामने बंदूक की नोक पर कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया गया। ऐसा न करने पर जान से मारने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमें निर्वस्त्र किया, हमें धक्का दिया, हमें सड़कों से खदेड़ दिया। इस कारण पत्नी मानसिक तनाव में रहती थी। 3-4 मई को हजारों लोगों की भीड़ ने हमारे गांव पर हमला कर दिया। घर, चर्च जला दिये गये, यहां तक कि पालतू जानवरों को भी नहीं बख्शा गया।
घर जलने लगे तो ग्रामीण भागने लगे। मैं और मेरी पत्नी अलग हो गए थे। वह और 4 अन्य लोग जंगल में एक पेड़ के पीछे छिपे हुए थे। कुछ लोग उनका पीछा कर रहे थे। लोगों ने उन्हें पकड़ लिया। 3 महिलाओं को निर्वस्त्र किया गया, एक लड़की का अफेयर चल रहा था, उसके पिता ने विरोध किया तो भीड़ ने उसे भी मार डाला।
शिकायत के आधार पर दर्ज की गई एफआईआर में कहा गया है कि 21 वर्षीय लड़की के साथ दिनदहाड़े बेरहमी से सामूहिक बलात्कार किया गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि अभी तक सामूहिक बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई है क्योंकि लड़की लापता है। जब भीड़ हिंसक हो गई तो सभी ग्रामीण मौके से भाग गए।