चीन के मेगा प्लान को मोदी सरकार का बड़ा झटका


नई दिल्ली। चीन की प्रमुख इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी बीवाईडी को मोदी सरकार ने बड़ा झटका दिया है। कंपनी ने भारत में एक अरब डॉलर निवेश का प्रस्ताव रखा है। कंपनी हैदराबाद में मेघा इंजीनियरिंग एंड इंफ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के साथ साझेदारी में भारत में एक प्लांट स्थापित करना चाहती थी। लेकिन केंद्र की मोदी सरकार ने इस चीनी इलेक्ट्रिक कार कंपनी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। साथ ही सरकार ने कहा है कि सुरक्षा कारणों से यह फैसला लिया गया है।

मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, डीपीआईआईटी ने कंपनी के निवेश प्रस्ताव का आकलन करने के लिए विभिन्न विभागों से इनपुट मांगा था। चर्चा के दौरान भारत में चीनी निवेश से जुड़े सुरक्षा मुद्दों पर चिंता व्यक्त की गई। अब यह बात सामने आई है कि सरकार की बीवाईडी को लेकर भी ऐसी ही चिंताएं हैं। इतना ही नहीं, गृह और विदेश मंत्रालय भी चीनी कंपनियों की एंट्री को लेकर असहज है। विदेशी कंपनियों को भारत में प्रवेश के लिए स्थानीय कंपनियों के साथ समझौता करना पड़ता है।

कुछ मामलों में यह भी देखा गया है कि स्थानीय कंपनियां डमी की तरह होती हैं। बीवाईडी मामले में भी सरकार की ऐसी ही चिंताएं थीं। इसी कारण केंद्र सरकार ने इस कंपनी की योजना को खारिज कर दिया.

ये था कंपनी का प्लान-

मीडिया रिपोट्र्स के मुताबिक, कंपनी ने प्रस्ताव दिया था कि वह एक साल में 10,000 से 15,000 इलेक्ट्रिक कारों का उत्पादन करेगी। बिक्री के मामले में दुनिया की अग्रणी इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी बीवाईडी पहले ही भारत में दो ईवी मॉडल पेश कर चुकी है।


 इसके अलावा, कंपनी अपनी इलेक्ट्रिक बसों के लिए एमईआईएल की सहयोगी कंपनी ओलेट्रा ग्रीनटेक को तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है। ओलेक्ट्रा को 2,000 बसों का ऑर्डर मिला है। इसकी कीमत 3,000-3,500 करोड़ रुपये है. कंपनी का लक्ष्य इस ऑर्डर को अगले 12 से 18 महीने में पूरा करने का है।

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