पांच लाख का भुगतान करें, तुरंत ऋण स्वीकृत करें; बैंक के जनरल मैनेजर के खिलाफ सीबीआई ने दर्ज किया केस

 


मुंबई। ठाणे, बेलापुर, पनवेल औद्योगिक बेल्ट में एक उद्योग को 17 करोड़ 91 लाख रुपये का ऋण देने के लिए 5 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में सीबीआई ने स्टेट बैंक के पूर्व मुख्य महाप्रबंधक सहित तीन अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इस महाप्रबंधक का नाम एमपी नागर है और इन्हें 2021 में बैंक ने सेवा से बर्खास्त कर दिया है।

सूत्रों के मुताबिक, ठाणे-बेलापुर औद्योगिक क्षेत्र में काम करने वाली एक कंपनी ने (तत्कालीन) स्टेट बैंक ऑफ  बीकानेर एंड जयपुर से ऋण मांगा था। उस समय वे नगर बैंक में मध्यम उद्यमों को ऋण वितरण विभाग में कार्यरत थे। इस लोन के लिए कंपनी की ओर से जमा किए गए दस्तावेजों में यह गलत बताया गया कि कंपनी की वित्तीय स्थिति मजबूत है।


 नागर के आइडिया के बावजूद उन्होंने कंपनी को 17 करोड़ 91 लाख रुपये का लोन मंजूर कर दिया। इसके लिए संबंधित कंपनी से पांच लाख रुपये की मांग की गयी। कंपनी नागर को भुगतान करने के लिए भी सहमत हो गई। हालांकि इस मामले में रिश्वतखोरी की जानकारी मिलने के बाद सीबीआई ने नागर समेत तीन अन्य के खिलाफ  मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।


जिस दिन कंपनी को ऋण स्वीकृत किया गया और राशि कंपनी के खाते में जमा की गई, उसी दिन संबंधित कंपनी ने आरोपी एसबीबी कंपनी के मालिक अश्विनी अग्रवाल के बैंक खाते में रिश्वत के रूप में पांच लाख रुपये की राशि जमा की।

अग्रवाल ने मामले के अन्य दो आरोपियों, मनोज कुमार और मीना बाहेती के खातों में 2.5-2.5 लाख रुपये जमा किए। बाहेती के खाते में जमा ढाई लाख रुपए उसने नागर के खाते में जमा करा दिए। इसलिए उन्होंने मनोज कुमार के खाते में जमा ढाई लाख रुपये में से 90 हजार रुपये निकाल लिए और बाकी डेढ़ लाख रुपये नागर के खाते में जमा कर दिए।

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