नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय अमेरिका दौरे पर रवाना हो गए है। उनका दौरा 21 जून से 24 जून तक रहेगा। इस बीच पीएम मोदी दुनिया के सबसे अमीर बिजनेसमैन टेस्ला के सीईओ एलोन मस्क से मुलाकात करेंगे। टेस्ला भारत में एक फैक्ट्री शुरू करने के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है, वहीं मोदी की यात्रा महत्वपूर्ण होगी। बताया जा रहा है कि इस बैठक में टेस्ला के प्रोजेक्ट पर चर्चा होने की संभावना है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान 24 लोगों से मुलाकात करेंगे। इस यात्रा के एजेंडे की जानकारी अभी सामने नहीं आई है। एलोन मस्क ने टेस्ला कारों को भारत लाने का संकेत दिया है। हालांकि अभी इस संबंध में अनुकूल स्थिति नहीं बन पाई है।
पिछले साल, भारत ने कारों पर आयात कर कम करने के टेस्ला के अनुरोध को स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। भारत चाहता है कि टेस्ला स्थानीय स्तर पर वाहनों का निर्माण करे, लेकिन टेस्ला पहले कार का आयात करना चाहती है और भारतीय बाजार में इसका परीक्षण करना चाहती है।
इस साल की शुरुआत में, वॉल स्ट्रीट जर्नल के साथ एक साक्षात्कार में, मस्क ने कहा था कि वाहन निर्माता इस साल के अंत तक एक नए कारखाने के लिए जगह चुन सकता है। जब उनसे पूछा गया कि क्या नई फैक्ट्री लगाने के लिए भारत अच्छी जगह है। इस पर मस्क ने कहा था- 'भारत बिल्कुल सही जगह है।Ó
दुनिया की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी होने के नाते टेस्ला की कारों की बिक्री पूरी दुनिया में होती है। भारत के लोग भी इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। एलोन मस्क चाहते हैं कि भारत सरकार टेस्ला कारों पर आयात शुल्क कम करे, ताकि वह आसानी से विदेशी निर्मित टेस्ला कारों को भारतीय बाजार में बेच सकें। लेकिन भारत सरकार इसके लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं है।
केंद्र सरकार ने साफ कर दिया है कि विदेशों में बनी टेस्ला कारों को भारतीय बाजार में बेचने पर आयात पर बिल्कुल छूट नहीं है। सरकार का तर्क है कि अगर टेस्ला भारत में अपना प्लांट लगाती है तो किसी भी तरह की छूट पर विचार किया जाएगा। भारत सरकार ने साफ तौर पर कहा था कि चीन में बनी टेस्ला कारों को भारत में बेचने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। टेस्ला ने अमेरिका से बाहर अपना पहला प्लांट चीन में लगाया है। यहीं से कंपनी भारत में इलेक्ट्रिक कारों का आयात करना चाहती है। सरकार इससे सहमत नहीं है।
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