वाशिंगटन। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी महीने 21 से 24 जून तक अमेरिका के दौरे पर रहेंगे। इस यात्रा को यादगार बनाने के लिए दोनों देशों के विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय की टीमों ने कमर कस ली है। रणनीतिक दृष्टि से प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को अगले पांच दशक तक यादगार बनाने की कोशिश की जा रही है। इसके लिए रक्षा के क्षेत्र में सबसे ठोस कदम उठाना होगा। इस दौरे के दौरान 22-23 जून को भारत में 350 लड़ाकू जेट इंजनों के उत्पादन के अनुबंध को अंतिम रूप दिया जा सकता है।
इसलिए यह अनुबंध महत्वपूर्ण है
स्वदेशी लाइट फाइटर तेजस में लो पावर जीई इंजन लगे हैं। मार्क-आईआर्ईऔर एएमसीए पांचवीं पीढ़ी के स्वदेशी लड़ाकू विमानों में भी जीई-414 इंजन होगा। रूसी मिग फाइटर जेट, 1963 से सेवा में है, अगले तीन वर्षों में सेना से बाहर हो जाएगा। उसके बाद अमेरिकी इंजन वाले फाइटर जेट तैयार होंगे। यह समझौता जनरल इलेक्ट्रिक (जीई) और हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स के बीच होने की संभावना है। यह डील देश के फाइटर जेट मैन्युफैक्चरिंग प्लांट के लिए अहम है। इस इंजन का निर्माण टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के जरिए किया जाएगा।
ड्रोन की खरीद को लेकर भी करार होगा
- - प्रधानमंत्री मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान 30एमक्यू-9बी लड़ाकू ड्रोन खरीदने के सौदे पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना है। यह ठेका 22 हजार करोड़ रुपये का हो सकता है। तीनों सेनाओं को ऐसे 10 ड्रोन मिलेंगे।
- - दो टन वजनी सैन्य उपकरण ले जाने की क्षमता वाले ये ड्रोन 48 घंटे की लगातार उड़ान के साथ 6 हजार किलोमीटर तक के क्षेत्र में प्रदर्शन कर सकते हैं। सेंसर और लेजर गाइडेड बम से लैस ड्रोन हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस हैं।