मुख्यमंत्री ने कहा: शासकीय विभागों में रोस्टर के पालन के संबंध में जांच के लिए गठित होगा प्रकोष्ठ



 मुख्यमंत्री को राष्ट्रीय गोंडवाना गोंड महासभा द्वारा अनुसूचित जनजाति के हित संबंधी सौंपा गया प्रस्ताव

रायपुर । मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल को राष्ट्रीय गोंडवाना गोंड महासभा की ओर से छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर राज्य शासन के विचार हेतु एक सामाजिक प्रस्ताव सौंपा गया है। इसमें अनुसूचित जनजाति समुदाय के हित संबंधी विभिन्न बिन्दुओं को शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने इनकी मांगों पर त्वरित पहल करते हुए कहा कि शासकीय विभागों में रोस्टर के पालन के संबंध में जांच के लिए प्रकोष्ठ गठित होगा। साथ ही सहकारिता विभाग में हर समुदाय के लोगों को उचित प्रतिनिधित्व दिलाने के लिए आवश्यक कार्यवाही किए जाने भी आश्वस्त किया। मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव के अन्य बिन्दुओं पर भी सहानुभूतिपूर्वक विचार के लिए आश्वस्त किया। गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल से राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर मुलाकात के लिए राज्य भर से आदिवासी समाज के प्रमुख 01 नवम्बर को राजधानी रायपुर पहुंचे थे।

इस दौरान राष्ट्रीय गोंडवाना गोंड महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सोनऊराम नेताम द्वारा समाज की ओर से दिए गए इस प्रस्ताव में सहकारिता विभाग में अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोगों को अधिनियम के अनुसार प्रतिनिधित्व प्रदान करने और संविधान के अनुच्छेद 16 (4) के तहत प्रदत्त उपबंध अनुसार विभिन्न सेवाओं, पदोन्नति, शिक्षण संस्थानों में प्रवेश के अवसर उपलब्ध कराना शामिल है। इसी तरह छत्तीसगढ़ में रोस्टर प्रणाली को लागू करने एक समिति गठित करने और मंत्रालय में इसके निगरानी के लिए एक प्रकोष्ठ स्थापित करने का प्रस्ताव दिया गया है।

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