मुंबईए । बढ़ता प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनता जा रहा है। यह बताया गया है कि बढ़ता औद्योगीकरणए प्रौद्योगिकी मानव जाति के लिए खतरनाक होता जा रहा है। प्रदूषण के कारण अनेक असाध्य रोग होते हैं। वायु प्रदूषण के साथ.साथ कारखानों से निकलने वाले अपशिष्ट जल और ध्वनि प्रदूषण की समस्याएँ भी हैं। ऐसे में राजधानी दिल्ली में प्रदूषण की समस्या खतरनाक साबित हो रही हैण् इसके लिए सरकार ने कई तरह के उपाय भी किए हैं। लेकिनए इसका पर्याप्त असर होता नहीं दिख रहा है। अब एक नए शोध में एक अहम बात सामने आई है। जिससे समझा जा रहा है कि प्रदूषण से ही मरने वालों की संख्या बढ़ी है। यह देखा गया है कि इसके लिए हवा में कुछ तत्व जिम्मेदार हैं।
वायु गुणवत्ता सूचकांक का उपयोग हवा में जहरीले तत्वों की मात्रा को मापने के लिए किया जाता है। बेशकए दिल्ली शहर का ।फप् बहुत बड़ा है। लेकिनए प्रदूषण के कारण हवा में छोटे कण होते हैं जिन्हें पीएम पार्टिकुलेट मैटर या पीएम 2ण्5 कहा जाता है। इस पीएम के बारे में चौंकाने वाली जानकारी सामने आई हैण् इस पिछले शोध में हवा में मौजूद छोटे विषैले या प्रदूषक तत्व शरीर के लिए ज्यादा हानिकारक नहीं थे। लेकिनए अब इनकी तीव्रता काफी बढ़ गई हैण् इन छोटे कणों के कारण दुनिया भर में लगभग 1ण्5 मिलियन लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। बढ़ता तापमान भी प्रदूषण का ही परिणाम है।