- गोधन न्याय योजना ने उम्र के इस पड़ाव में सपने को साकार किया
- वर्मी कंपोस्ट खाद से आय अर्जित कर 10 महिलाओं ने सपनों को दिया वास्तविक उड़ान
रायगढ़ जिले के लैलूंगा ब्लॉक के झंवरपुर गांव की रहने वाली 40 साल की सुशीला पैंकरा का बचपन से एक ही सपना था, हवाई जहाज में सफर करना। लेकिन उन्हें ये बताया गया था कि दूरस्थ आदिवासी अंचल के लोगों के लिए ये ऐसा सपना है जिसका साकार हो पाना संभव नहीं है। सुशीला को भी ढलती उम्र और परिवार की बढ़ती जिम्मेदारियों के साथ ऐसा ही महसूस होने लगा था और वह अपने सपने को लगभग भूल चुकी थी।
इस दौरान मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के द्वारा शुरू की गई गोधन न्याय योजना की जानकारी सुशीला को मिली। इस महत्वकांक्षी योजना ने सुशीला की महत्वकांक्षा को फिर से जिंदा कर दिया और उसे हवाई यात्रा करने के लिए एक नई राह दिख गई। सुशीला ने अपने साथ 9 और महिलाओं को जोड़कर एक स्व सहायता समूह बनाया जिसका नाम रखा महादेव।
इस समूह की सभी महिलाओं ने कड़ी मेहनत की और गोधन न्याय योजना के अंतर्गत गोबर खरीद कर उससे 600 क्विंटल वर्मी कंपोस्ट खाद बनाकर बेचा, इससे महादेव स्व सहायता समूह के बैंक खाते में 2 लाख 16 हजार रूपए लाभांश की राशि जमा हुई। शासन की योजना ने इन दस महिलाओं के हौंसले को उड़ान भरने में मदद की और सुशीला के साथ सभी महिलाओं ने इस पैसे से हवाई जहाज का टिकट खरीदा। झारसुगुड़ा से रायपुर तक की हवाई यात्रा की और अपने उस अहसास को हकीकत का रूप दिया जिसे वो भूल चुकी थीं।
गोधन न्याय योजना की मदद से सपनों को सच करने के बाद अब महादेव स्व सहायता समूह की महिलाएं दोगुने उत्साह के साथ वर्मी कंपोस्ट के उत्पादन का कार्य कर रही हैं ताकि वो न सिर्फ आर्थिक समृद्धि की तरफ अग्रसर हों बल्कि दूसरों को भी ये संदेश दे सकें की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की योजनाओं से छत्तीसगढ़ अब तेजी से बदलाव की राह पर है।