रायपुर। छत्तीसगढ़ के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने आज नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित सहकारिता मंत्रियों की बैठक में कहा है कि मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव्ह रजिस्ट्रार की शक्तियां राज्यों के अपर पंजीयकों को दी जाये, जिससे मल्टीस्टेट क्रेडिट को-ऑपरेटिव्ह सोसाइटियों द्वारा जनता की राशि गबन करने की दशा में कार्यवाही की जा सके। इसके लिए ठोस कदम उठाये जाने की आवश्यकता है।
मंत्री डॉ. टेकाम ने कहा कि सेंट्रल रजिस्ट्रार स्तर से मल्टीस्टेट को-ऑपरेटिव्ह सोसाइटियों का गठन किया जाता है जो सभी राज्यों में कार्य करती है, विगत वर्षों में कई ऐसी समितियों द्वारा आमजन को ज्यादा ब्याज का लालच दिया जाकर राशि जमा करा लेने के पश्चात् वे अपना कारोबार बंद कर चले जाते है और हितग्राही की राशि नहीं लौटती है। यह भी कि इस प्रकार की सोसाइटियां बैंकों की तरह ही संव्यवहार करती है। राज्यों को ऐसी सोसाइटियों के विरूद्ध कार्यवाही का अधिकार नहीं है।
गौरतलब है कि नई दिल्ली के विज्ञान भवन में केन्द्रीय सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह की अध्यक्षता में 8 और 9 सितम्बर को देशभर के सहकारिता मंत्रियों की बैठक आहुत की गई है। बैठक में छत्तीसगढ़ के सहकारिता मंत्री डॉ. टेकाम ने बताया कि छत्तीसगढ़ में सहकारी समितियों के माध्यम से किसानों के जीवन स्तर को ऊंचा करने के लिए अनेक नवाचारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं।
डॉ. टेकाम ने बताया कि छत्तीसगढ़ में 13.47 लाख कृषकों के 5261.43 करोड़ के सहकारी ऋण माफ किए गए हैं। इसके अलावा किसानों को सहकारी समितियों, बैंकों के माध्यम से 5 लाख तक के ब्याजमुक्त अल्पकालीन ऋण दिए जा रहे हैं। सरकार द्वारा मछली पालन एवं लाख पालन को कृषि का दर्जा दिया गया है। साथ ही उद्यानिकी फसलों, गौपालन के लिए भी रियायती दरों पर ऋण दिया जा रहा है। नवगठित समितियों को सुदृढ़ बनाए जाने हेतु 185 करोड़ रूपए की लागत से गोदाम सह आफिस के निर्माण की योजना बनाई गयी, जिसके लिए सरकार द्वारा समितियों को 75 प्रतिशत अनुदान दिए जाने का निर्णय लिया गया है।