जैविक खाद और जैविक कीटनाशक के उपयोग से मिर्च का बंपर उत्पादन



पोड़ी गौठान में बाड़ी विकास योजना के अंतर्गत मिर्च और सब्जी उत्पादन से महिलाओं को अतिरिक्त आय


कोरिया  । जिले में गौठान के माध्यम से महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने विभिन्न आजीविकामूलक गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरवा, घुरवा अऊ बाड़ी योजना के अंतर्गत बाड़ी विकास योजना के तहत महिलाएं उन्नत कृषि कर रहीं हैं। योजना का लाभ उठाते हुए विकासखण्ड सोनहत के पोड़ी गौठान में महामाया स्व सहायता समूह की महिलाओं ने जून माह से मिर्च उत्पादन का कार्य शुरू किया।
समूह की अध्यक्ष जानकी ने बताया की समूह की चार महिलाओं ने मिलकर अब तक 150 किलोग्राम मिर्च का विक्रय कर 12 हजार रुपए कमाए हैं, वहीं वर्तमान में लगभग 100 कीलोग्राम मिर्च बिक्री हेतु तैयार हैं। उन्होंने बताया कि मिर्च से पहले बाड़ी में सब्जी उत्पादन में बैंगन एवं लौकी का भी अच्छा उत्पादन हुआ, जिससे समूह को 22 हजार रुपए की आमदनी हुई थी।

’अच्छी आमदनी से बढ़ा आत्मविश्वास-’

समूह की सदस्य बीराबाई बताती हैं कि अच्छी आमदनी से समूह की सभी महिलाओं का आत्मविश्वास बढ़ा है, पहले हम घरों में ही जरूरत के अनुसार सब्जियों का उत्पादन करतीं थीं। बिहान से हमे गौठान गतिविधियों से जुड़ने का मौका मिला तथा मिर्च उत्पादन में नयी तकनीक एवं जैविक कृषि से उत्पादन बढ़ा। उन्होंने बताया कि मिर्च उत्पादन हेतु हमें उद्यानिकी विभाग के सहयोग से बीज तथा अन्य सहायता मिली। समूह द्वारा गौठान में ही निर्मित वर्मी कम्पोस्ट तथा घनजीवामृत खाद के उपयोग तथा कीटनाशक के लिए निमास्त्र एवं ब्रम्हास्त्र का उपयोग किया गया, जिससे अच्छा उत्पादन हुआ। स्थानीय बाज़ारों में मिर्च की मांग भी बढ़ी, जिससे हमें प्रोत्साहन मिला।

बाड़ी विकास योजना के तहत इस काम में समूह को जिला प्रशासन का पूरा सहयोग मिला और आज तीखी मिर्च ने हमारे जीवन में आत्मनिर्भरता की मिठास घोली है और कमाई का अतिरिक्त जरिया दिया है।


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