नई दिल्ली। राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन की घोषणा पिछले साल सरकार के खजाने में जोडऩे के लिए की गई थी। इसके तहत केंद्र सरकार 2025 तक बिजली क्षेत्र से लेकर सड़कों और रेलवे तक अपने अधिकार क्षेत्र में हिस्सेदारी बेचकर बड़ी रकम जुटाएगी। ताजा जानकारी के मुताबिक सरकार ने सोमवार को संसद को इस बात की जानकारी दी कि एनएमपी अभियान के तहत इस वित्त वर्ष में किन कंपनियों की बिक्री होने वाली है. इसमें से 1.62 लाख करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है.
चालू वित्त वर्ष के चार महीने बीत चुके हैं। सरकार के पास अब अगस्त 2022 से मार्च 2023 तक आठ महीने और बचे हैं। इसमें वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने लोकसभा में एक लिखित बयान में कहा कि पिछले साल सरकार ने अपने स्वामित्व वाली कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचकर 97 हजार करोड़ रुपये कमाए. इस वर्ष किए जाने वाले सौदों में मुख्य रूप से पीपीपी सिद्धांत के आधार पर राजमार्गों पर टोल ऑपरेटरों का स्थानांतरण, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण निवेश ट्रस्ट, पावरग्रिड इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट, पिछले साल नीलाम की गई कोयला और खनिज खदानों से वार्षिक राजस्व, निजी निवेश शामिल हैं। रेलवे कॉलोनी के पुनर्विकास में पीपीपी मॉडल पर पट्टे पर दिए गए 6 हवाई अड्डों से राजस्व और पीपीपी आधार पर पट्टे पर बंदरगाहों से राजस्व शामिल है।
केंद्र का लक्ष्य क्या है?
मंत्री पंकज चौधरी ने कहा, राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन के तहत, वित्त वर्ष 22-23 के दौरान संपत्ति की बिक्री के लिए 1,62,422 करोड़ रुपये का अनुमानित आंकड़ा जुटाया जाएगा। अनुमानित लागत संबंधित संपत्ति को बेचने या पट्टे पर देकर अपेक्षित निधि संग्रह का अनुमान है। लेकिन वास्तव में मुद्रीकरण के बाद एकत्र की गई राशि अनुमानित आंकड़ों से आसानी से कम है।
किस सेक्टर में होगा विनिवेश?
केंद्रीय मंत्री द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, हाईवे टीओटी बंडल, इनविट फ्यूचर राउंड, खेल से संबंधित संरचनाओं का पुनर्विकास, बिजली उत्पादन और ट्रांसमिशन से संबंधित संपत्ति, पीपीपी आधार पर हवाई अड्डे और बंदरगाह का किराया, गोदामों का विकास और टावर से संबंधित संपत्ति का मुद्रीकरण आदि इस वित्तीय वर्ष में प्रस्तावित हैं। राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन के तहत आने वाले क्षेत्रों में सड़क, हवाई अड्डे, बंदरगाह, रेलवे, गोदाम, गैस पाइपलाइन, बिजली उत्पादन और वितरण, खनन, दूरसंचार, स्टेडियम और रियल एस्टेट शामिल हैं।