विश्व आदिवासी दिवस: मुख्यमंत्री ने आदि विद्रोह सहित 44 महत्वपूर्ण पुस्तकों का किया विमोचन



  • आदि विद्रोह में स्वतंत्रता संग्राम के आदिवासी जननायकों की भूमिका का किया गया है वर्णन
  • वन अधिकार के प्रति ग्राम सभा जागरूकता अभियान कैलेण्डर एवं वीडियो संदेश का भी हुआ विमोचन

रायपुर।  मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने आज यहां निवास कार्यालय में आयोजित विश्व आदिवासी दिवस के कार्यक्रम में आदिम जाति अनुसंधान प्रशिक्षण संस्थान द्वारा प्रकाशित ’आदि विद्रोह’ एवं 44 अन्य पुस्तिकाओं का विमोचन किया। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में वन अधिकार के प्रति ग्राम सभा जागरुकता अभियान के कैलेण्डर, अभियान गीत तथा सामुदायिक वन संसाधन अधिकार (चारगांव जिला धमतरी ) के वीडियो संदेश का भी विमोचन किया। 

कार्यक्रम में इस अवसर पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति विकास मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर, संसदीय सचिव श्री द्वारिकाधीश यादव तथा श्री शिशुपाल सिंह सोरी, अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष श्री भानुप्रताप सिंह, मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री राजेश तिवारी, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति के के सचिव श्री डी.डी. सिंह, आयुक्त श्रीमती शम्मी आबिदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक श्री राकेश चतुर्वेदी भी उपस्थित थे।

छत्तीसगढ़ के आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा भारतीय स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर आजादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम की श्रृंखला में एवं विश्व आदिवासी दिवस के अवसर पर आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा आदिवासी जनजीवन से संबद्ध विभिन्न आयामों को अभिलेखीकृत करने का कार्य किया गया है, संस्थान द्वारा 44 पुस्तकें प्रकाशित की गई है।

आदिमजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा जल-जंगल-जमीन शोषण, उत्पीड़न से रक्षा एवं भारतीय स्वतंत्रता के लिए समय-समय पर आदिवासियों द्वारा किये गये विद्रोहों एवं देश की स्वतंत्रता हेतु विभिन्न आंदोलनों में अग्रणी भूमिका निभाने वाली वीर आदिवासी जननायकों की शौर्य गाथा को प्रदर्शित करने आदि विद्रोह छत्तीसगढ़ के आदिवासी विद्रोह एवं स्वतंत्रता संग्राम के आदिवासी जननायक पुस्तिका तैयार की गयी है। 

इस पुस्तक में 1774 के हलबा विद्रोह से लेकर 1910 के भूमकाल विद्रोह एवं स्वतंत्रता पूर्व तक के विभिन्न आंदोलन जिसमें राज्य के आदिवासी जनजनायकों की भूमिका का वर्णन है। इस कॉफीटेबल बुक का अंग्रेजी संस्करण The Tribal Revolts Tribal Heroes of Freedom Movement and the Tribal Rebellions of Chhattisgarh के नाम से प्रकाशित की गई है।


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