रायपुर एनपीन्यूज । राजधानी रायपुर में विगत सात दिनों से उमंग और उल्लास का वातावरण देने वाले स्वेदषी मेले का गुरूवार को समापन हो गया। समापन समारोह की मुख्य अतिथि छत्तीसगढ़ राज्य की राज्यपाल महामहिम सुश्री अनुसुइया उईक ने कहा कि स्वदेषी उत्पादकों का परिचय कराने और जागरूकता लाने के लिए स्वदेषी का प्रयास सराहनीय है। सुश्री उइके ने कहा कि हमें जाॅब सीकर नहीं, जाॅब प्रोवाइडर बनना चाहिए। स्वदेषी ही हमारी षक्ति ह जिससे हम आत्मनिर्भर बनते हैं। वैष्वीकरण के दौर में भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता को बढ़ाना होगा और स्वदेषी वस्तुओं के उपयोग को बढ़ाना होगा जिससे देष में पूंजी आएगी और बेरोजगारों को रोजगार मिलेगा। हमें गर्व के साथ स्वदेषी वस्तुओं का उपयोग अैर प्रचार-प्रसार करना चाहिए।
भारतीय विपणन विकास केंद्र द्वारा साइंस काॅलेज ग्राउंड में पिछले सात दिनों से लगाए मेले का गुरूवार को समापन हो गया। समापन समारोह की अध्यक्षता छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौषिक थे, उन्होंने कहा कि भारत में प्राचीन काल से मेले की परंपरा रही है। कोरोना काल में देष की अर्थव्यवस्था चरमरा गई थी ऐसे में स्वदेषी, स्वावलंबन की भावना से ही हमारी पहचना बढ़ी है। कार्यक्रम के विषिष्ट अतिथि राज्यसभा सांसद रामविचार नेता ने कहा कि आत्मनिर्भरता के कारण भारत की पहचान बढ़ी है जिसकी पूरी दुनिया सराहना कर रही है और स्वदेषी जागरण मंच उसका पालन कर रहा है।
मेले के आखिरी दिन दोपहर में 1 बजे से बैस्ट आॅउट आॅफ वेस्ट प्रतियोगिता हुई, जिसमें गु्रप ए में 6 से 12 वर्ष और गु्रप बी में 12 वर्ष से अधिक के 26 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। प्रतिभागियों ने खराब, टूटे और अनुपयोगी सामानों से, जिसे हम अक्सर रद्दी में फेंक देते हैं, ऐसे सामानों से आकर्षक नए सामानों का निर्माण किया जो वाकई अपने आप में हैरत करने वाला था। पुराने सामानों से नई वस्तुओं को बनाने मंे प्रतिभागियों ने अपनी बुद्धि कौषल को बेहतरीन उपयोग करते हुए पेपर डाॅल, फ्लाॅवर पाॅट, पैन स्टैंड, कछुआ, स्कूटर, कबर्ड, स्मोक फाउंटेन सहित कई खूबसूरत और आकर्षक चीजें बनाईं और लोगों को वस्तुओं के अधिकतम उपयोग करने के लिए प्रेरित किया।